कला के शिक्षक जांचेंगे विज्ञान की कॉपी
इंटर विज्ञान के कॉपियों का मूल्यांकन कला संकाय के शिक्षक करेंगे।
नवादा । इंटर विज्ञान के कॉपियों का मूल्यांकन कला संकाय के शिक्षक करेंगे। मूल्यांकन कार्य के लिए नियुक्त परीक्षकों के लगातार बहिष्कार के बाद सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय स्तर पर जो व्यवस्था की गई है, उसमें यह खामियां उभर कर सामने आई है। दिलचस्प यह है कि इस प्रकार के कोई एक-दो नहीं बल्कि दर्जनों की संख्या में परीक्षक लगाए गए हैं।
बताया जाता है कि इंटर कॉपियों के मूल्यांकन के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से नियुक्त परीक्षक मूल्यांकन कार्य का लगातार बहिष्कार कर रहे हैं। हड़ताल के 31 दिन बीत गए हैं। छात्रों के भविष्य को देखते हुए शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव व बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष ने संयुक्तादेश जारी कर सभी जिलाधिकारियों व जिला शिक्षा पदाधिकारियों को स्थानीय स्तर पर परीक्षकों की नियुक्ति करने को कहा था। सचिव व अध्यक्ष का संयुक्तादेश पत्रांक के.-148 दिनांक 6.4.17 के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी नवादा ने ज्ञापांक 196 दिनांक 13 अप्रैल 17 के माध्यम से वैकल्पिक व्यवस्था के तहत स्थानीय स्तर पर 111 परीक्षकों को मूल्यांकन कार्य के लिए नियुक्त किया। इनमें 68 परीक्षकों को केएलएसएस कॉलेज और 43 परीक्षकों को गांधी इंटर विद्यालय के मूल्यांकन केंद्र पर प्रतिनियुक्त किया गया। खास बात यह है कि केएलएस कॉलेज मूल्यांकन केंद्र पर नियुक्त परीक्षकों में दो को छोड़कर अन्य सभी कला, वाणिज्य, उर्दू व संस्कृत के शिक्षक हैं, जबकि वहां विज्ञान विषयों यानि भौतिकी, रसायन, जीव विज्ञान और गणित का कॉपी ज्यादा है। ऐसे में अब सवाल उठाए जा रहे हैं कि कला के शिक्षक विज्ञान विषयों की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन कैसे कर सकेंगे।
इस बाबत जब केएलएस कॉलेज के केंद्राधीक्षक अरुण कुमार रजक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे यहां विज्ञान शिक्षकों की जरूरत है। दूसरे संकाय के परीक्षक ज्यादा उपलब्ध कराए गए। इस बाबत जिला शिक्षा पदाधिकारी को सूचना दे दी गई है।
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कहते हैं अधिकारी
पूर्व के पत्र में आंशिक संशोधन कर इसमें सुधार किया जा रहा है। गांधी इंटर स्कूल केंद्र के विज्ञान विषय के वीक्षकों को केएलएस केंद्र पर भेजा जा रहा है। आदेश निकाल दिया गया है।
गोरख प्रसाद, जिला शिक्षा पदाधिकारी, नवादा।
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कहते हैं जानकार
विज्ञान संकाय के शिक्षक वित्तरहित कॉलेजों में ज्यादा हैं। वे लोग मूल्यांकन का बहिष्कार कर रहे हैं। ऐसे में व्यवधान आना स्वभाविक है।
शआदत अफजल हुसैन, केंद्राधीक्षक सह प्राचार्य, गांधी इंटर स्कूल, नवादा।
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कहते हैं शिक्षक नेता
- जो व्यवस्था लागू किया जा रहा है वह बताता है कि छात्रों के भविष्य के प्रति सरकार व बिहार बोर्ड गंभीर नहीं है। अनुभवहीन व दूसरे विषय के शिक्षक मूल्यांकन की कसौटी पर खड़े नहीं उतर सकते। छात्रों का भविष्य अंधकार की ओर है।
प्रो. विपिन कुमार सिन्हा, अध्यक्ष, वित्त रहित संघर्ष मोर्चा।