बिहार के नवादा जिले में भूख से वृद्ध की हो गई मौत! प्रशासन का इनकार
नवादा के खानापुर गांव में भूख से एक वृद्ध की मौत हो गई लेकिन प्रशासन का कहना है कि वृद्ध की मौत भूख से नहीं हुई है। ग्रामीणों के मुताबिक भूख से ही तड़प-तड़पकर उसकी मौत हुई है।
नवादा [जेएनएन]। प्रखंड के खानापुर गांव में 70 वर्षीय रामचंद्र ङ्क्षसह की भूख से मौत का मामला प्रकाश में आया है। सोमवार को उसकी मौत को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि वृद्ध की मौत भूख से हुई है। हालांकि प्रशासन ने भूख से मौत की बात से इनकार किया है। सदर एसडीएम अनु कुमार ने कहा है कि बीमारी से बुजुर्ग की मौत हुई है। सदर एसडीएम और सीओ उदय प्रसाद ने गांव पहुंचकर मामले की पड़ताल की।
इधर, ग्रामीणों का कहना है कि मृतक काफी गरीब था। उसे न तो बीपीएल कार्ड उपलब्ध हो सका और न ही वृद्धापेंशन का लाभ मिल रहा था। जांच के दौरान टूटे- फूटे घर में आधा किलो आटा पाया गया।
एसडीएम के समक्ष ग्रामीण सह प्रखंड उप प्रमुख अमरेश मिस्त्री सहित गांव के लोगों ने बताया कि मृतक को एकमात्र पुत्री किरण देवी है। जिसकी शादी प्रखंड के शाहपुर गांव में हुई है। दामाद वारिसलीगंज पीएचसी के समीप चाय बेच कर गुजर बसर करता है।
घर में एक 16 वर्ष का दृष्टिहीन भतीजा है, जो इधर-उधर से मांगकर खाता था। कुछ दिनों से खाना नहीं मिलने से वृद्ध काफी कमजोर हो गया था। ग्रामीणों ने सरकारी व्यवस्था को दोषी बताया और कहा कि रामचंद्र का बीपीएल सूची में नाम नहीं रहने से सरकारी लाभ नहीं मिल सका।
एसडीएम की मौजूदगी में मोसमा मुखिया मीना देवी के पति राजेन्द्र प्रसाद ने मृतक के भतीजे को कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत तीन हजार रुपये दिये। एसडीएम ने पारिवारिक लाभ के तहत 20 हजार रुपये का चेक मंगलवार को दिलवाने का आश्वासन दिया।
ग्रामीणों ने जनवितरण विक्रेता अरविन्द साव के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई। एसडीएम ने जांचोपरांत दुकानदार के विरुद्ध कार्रवाई की बात कही। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि गांव में तीन चार और वृद्ध हैं, जिनको बीपीएल कार्ड की आवश्यकता है।
एसडीएम ने सीओ उदय प्रसाद को जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। बता दें कि करीब आठ वर्ष पूर्व खानापुर गांव में वृद्धा लीला देवी की भी मौत भूख से हुई थी।