वारिसलीगंज में चुनाव बाद मतों का जोड़ घटाव शुरू
दो दलीय एवं एक निर्दलीय कर रहे जीत का दावा संसू वारिसलीगंज पिछले दो सप्ताह तक चुनावी रं
दो दलीय एवं एक निर्दलीय कर रहे जीत का दावा
संसू, वारिसलीगंज : पिछले दो सप्ताह तक चुनावी रंग में रंगा वारिसलीगंज बाजार समेत ग्रामीण क्षेत्र में मतदान बाद वातावरण में शांति छा गई है। चाय पान की दुकान हो या ग्रामीण चौपाल सभी जगह लोग सिर्फ मतों का जोड़ घटाव कर अपने समर्थित उम्मीदवार की जीत का दावा कर रहे हैं। कोई जातीय आधार पर तो कोई अतिपिछड़े समुदाय का वोट अपने पक्ष में जाने का दावा करते हुए जीत और मतों का अंतर बता खुश हो रहे हैं। यह सिलसिला अब मतगणना की तिथि यानि आगामी 10 नवंबर के पूर्व तक चलता रहेगा। कांग्रेस जिलाध्यक्ष सह महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी सतीश कुमार उर्फ मंटन सिंह के समर्थक एमवाई समीकरण समेत 40 फीसद सवर्णों का मत का जोड़ -घटाव कर 20 ह•ार मतों से अपना जीत सुनिश्चित बता रहे हैं। जबकि एनडीए गठबंधन के भाजपा प्रत्याशी निवर्तमान विधायक अरुणा देवी के समर्थकों द्वारा सवर्णों का अधिकांश वोट के अलावा अतिपिछड़ी व अनुसूचित मतदाताओं का वोट जोड़कर तीन दहाई के अंतर से अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। वहीं पूर्व विधायक सह पूर्व जदयू जिलाध्यक्ष प्रदीप कुमार की पत्नी आरती सिन्हा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़कर जेडीयू के परंपरागत वोटों के अलावा प्राय: सभी जाति धर्म के लोगो का वोट मिलने का दावा करते हुए कहती हैं कि चाहे पांच सौ का अंतर से ही हो लेकिन जीत होगी। इस प्रकार से वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र के विस चुनाव में हुए त्रिकोणीय संघर्ष के बाद तीनों प्रत्याशियों के समर्थक अपनी जीत सुनिश्चित बताकर खुश हो रहे हैं। वैसे, आम लोग मुख्य लड़ाई महागठबंधन व एनडीए के बीच मान रहे हैं। दूसरी ओर प्रत्याशियों के समर्थक अपनी जीत पक्की बता कर पांच रसगुल्ला से लेकर दो से पांच ह•ार रुपये तक का शर्त लगा रहे हैं। इस प्रकार से मतगणना की तिथि तक समर्थक अपनी अपनी खुशी एक दूसरे से शेयर कर रहे हैं।
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चुनाव बाद रोजमर्रा की भांति सामान्य हुआ जनजीवन संसू, वारिसलीगंज : चुनावी अधिसूचना जारी होने के बाद से वारिसलीगंज विस क्षेत्र में चल रहे उथल पुथल पर मतदान समाप्ति बाद विराम लग गया है। लोग चुनावी शोर से इतर अब सामान्य जीवन जीने लगे हैं। सड़कों पर सामान्य दिनों की तरह वाहनों का परिचालन शुरू हो गया है। बाजार में ग्राहकों की संख्या में इजाफा होने लगा है। जबकि लोगो में जो कोरोना का भय व्याप्त था वह चुनावी रंग में रंगकर दूर होता प्रतीत हो रहा है। बता दें कि मार्च के अंतिम सप्ताह से शुरू हुआ लॉक डाउन के बाद लोगों के जीवन शैली में काफी बदलाव आया है। मुंह पर मास्क और हांथों में सैनिटाइजर आम बात हो रही थी। लेकिन जनता से नेता तक जब चुनावी मोड़ में आए तब कोरोना स्वत: दूर होने जैसा प्रतीत हो रहा है। हालांकि कोरोना अभी दूर नहीं हुआ है, लोगों में भय भले कम हो गया है।