सरकारी देशी चिकित्सा में इलाज के लिए आधार कार्ड ले जाना जरूरी
यदि आप देशी चिकित्सा से इलाज कराने के लिए सरकारी देशी चिकित्सालय में जा रहे हैं तो साथ
यदि आप देशी चिकित्सा से इलाज कराने के लिए सरकारी देशी चिकित्सालय में जा रहे हैं तो साथ में अपना आधार कार्ड जरूर ले लें। इलाज के क्रम में डाक्टर आधार कार्ड का नंबर पंजी में लिखेंगे। ऐसा आयुष विभाग की ओर से जारी नए निर्देशों में कहा गया है। इसके जरिए देशी चिकित्सा का लाभ ले रहे मरीजों की जानकारी ली जा सकेगी। इस बात की जानकारी प्रभारी जिला देशी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मो. सलमान ने कहीं। उन्होंने बताया कि सभी देशी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे एक पंजी में पेसेंट का नाम, उनका मोबाइल नंबर, आधार नंबर, डायग्नोसिस व ट्रीटमेंट जरूर लिखें। देशी चिकित्सालय के ओपीडी में आए मरीजों का इलाज के क्रम में यह सब एक फार्मेंट में लिखकर रखना है। इसे लेकर सभी देशी चिकित्सालयों को विशेष फार्मेंट उपलब्ध करा दिया गया है।
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6 देशी चिकित्सालयों में 5 डाक्टर
नवादा जिले की देशी चिकित्सा व्यवस्था में स्टाफ की कमी दिखती है। जिला कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में 6 देशी चिकित्सालय संचालित हैं। इनमें 5 डाक्टर सेवा दे रहे हैं। सोनसिहारी के अस्पताल में कोई भी डाक्टर पदस्थापित नहीं है। लिहाजा, नवादा देशी चिकित्सालय से ही डा. सलमान सोनसिहारी जाकर मरीजों का इलाज करते हैं। यहां सप्ताह में एक ही दिन अस्पताल चलता है।
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नए साल में शीघ्र होगा दवाओं की खरीदारी
-देशी चिकित्सालयों में दवाओं की कमी है। इस बारे में जिला के देशी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि बहुत जल्द ही सभी तरह की दवाओं की खरीद कर ली जाएगी। इसके लिए आवंटन भी प्राप्त हो गया है। टेंडर भी कर लिया गया है। कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक जिले भर के देशी चिकित्सालयों में दवा की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 में 9.80 लाख रुपये आवंटित हुए हैं। आवंटन के मुताबिक जिला संयुक्त औषधालय के लिए सर्वाधिक 4 लाख रुपये मिले हैं। जबकि दोना, दरवां, वारिसलीगंज के लिए 1.10 लाख व सोनसिहारी के लिए 1 लाख, हिसुआ होमियोपैथ अस्पताल के लिए 1.50 लाख रुपये आवंटित हुए हैं। यूनानी में फिलहाल 10, होमियोपैथ में 20 व आयुर्वेद में 16 तरह की दवाएं उपलब्ध है।
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देशी चिकित्सा आयुष मंत्रालय के तहत संचालित होती है। इसमें आयुर्वेद, होमियोपैथ व युनानी चिकित्सा पद्धति तीनों-अलग डाक्टर इलाज करते हैं। मरीज अपनी सुविधा के अनुसार संबंधित विभाग में डाक्टर को अपनी तकलीफ बताकर इलाज कराते हैं। यहां सिर्फ ओपीडी की व्यवस्था होती है। इलाज व दवा मुफ्त दी जाती है।