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कौड़िहारी के उफान से भदौंस गांव पर खतरा मंडराया

नालंदा। कौड़िहारी नदी मे लगातार तेज उफान से भदौंस गांव का आवागमन प्रभावित हो गया है। भदौं

By Edited By: Published: Sun, 11 Sep 2016 02:56 AM (IST)Updated: Sun, 11 Sep 2016 02:56 AM (IST)
कौड़िहारी के उफान से भदौंस गांव पर खतरा मंडराया

नालंदा। कौड़िहारी नदी मे लगातार तेज उफान से भदौंस गांव का आवागमन प्रभावित हो गया है। भदौंस के ग्रामीणों ने बताया कि नदी की उफान ने बीते कई वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया है। नदी की तेज धार तथा पानी के बढ़ते दबाव से भदौंस जाने वाली सड़क मार्ग के ऊपर से पानी बहने लगा है। भदौंस के लोगों ने बताया कि कई जगहों पर सड़क के ऊपर पानी का बहाव होने से कटाव भी हो गया है। भदौंस के लोगों को काफी दूरी तय कर दूसरे मार्ग से अपना गांव जाना पड़ रहा है।

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चंडी में बढ़ा बाढ़ का खतरा

संवाद सूत्र, चंडी (नालंदा) : पिछले दो दिन से हुई लगातार बारिश की वजह से शांत मुहाने नदी अचानक उफान पर आ गई। गुरुवार को अचानक नदी का जलस्तर बढ़ गया। शुक्रवार दोपहर तक कई गांवों में पानी घुसने लगा है। कई गांव में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रखंड के नरसंडा में कई घरों सहित कई दुकानों में पानी प्रवेश करने की खबर है। वहीं स्थानीय लालगंज में भी पानी घुस गया है। गोखुलपुर राइस मिल के पास पानी प्रवेश करने से लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। वहीं प्रखंड के पश्चिमी क्षेत्र में पानी तेजी के साथ प्रवेश कर रहा है। साथ ही सैकड़ों एकड़ धान की फसल भी डूबने के कगार पर है। अगर एक-दो दिन और मुहाने नदी का यह रौद्र रूप रहा तो चंडी में दो साल पहले वाली बाढ़ की विभीषिका से लोगों को दो-चार होना पड़ सकता है। इधर सीओ राजीव रंजन ने शनिवार को बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा करने के बाद बोले कि सरकारी भवनों को बाढ़ पीड़ित परिवारों के लिए शरण स्थली को चिन्हित कर लिया गया है। साथ ही चार नाव के साथ चार हजार बोरा, त्रिपाल का भी व्यवस्था कर लिया गया है। अगर गांव में पानी प्रवेश करता है तो चुड़ा और गुड का क्रय कर बाढ़ पीड़ित परिवारों को बाट दिया जाएगा।

करायपरशुराय में बाढ़ का खतरा बढ़ा

संवाद सहयोगी, हिलसा (नालंदा) : हिलसा करायपरशुराय प्रखंड के दर्जनों गांवों में बाढ का कहर आज भी जारी है। लोग बारी-बारी से रात को सोने को मजबूर हैं। दर्जनों गांवों में पानी घुसा है। बताया गया है कि हिलसा, करायपरशुराय प्रखंड के छितर बिगहा, वेरवा, जमालपुर, असियापर, मोगल बिगहा, बाजितपुर, चकबाजितपुर, शेरपुर, हुडारी जैसे दर्जनों गांवों में बाढ का पानी पसरा हुआ है।

गांव में बाढ़ का पानी आने से कमरे में सांप के आने का भय बना है। स्कूल में भी बाढ़ का पानी आनेसे बच्चों की को पढ़ाई बंद है। लोग रात को बारी-बारी से जागते हैं और सोते हैं। किसानों की हालत दिनोंदिन बदतर होती जा रही है। दो दिनों से बाढ़ का पानी गांव में फिर प्रवेश कर लोगों को जीना मुहाल कर दिया है। गांव में बाढ का पानी से कई मकान ध्वस्त होने की संभावना बनी है। हालांकि बाढ़ से घिरे गांव के लोगों पर प्रशासन की कड़ी नजर है और करायपरशुराय प्रखंड के बीडीओ और सीओ बाढ़ से निपटने के लिए तैयार हैं। लेकिन बाढ से ग्रसित गांव को सरकारी राहत कार्य ठीक से मिल नहीं पा रहा है। लोगों में दहशत व्याप्त है।


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