नव नालंदा महाविहार के दो छात्र अध्ययन के लिए जाएंगे चीन
नव नालंदा महाविहार, मानित विश्वविद्यालय, नालंदा के दो छात्र जितेन्द्र कुमार एवं राठड पुरु।
नालंदा। नव नालंदा महाविहार, मानित विश्वविद्यालय, नालंदा के दो छात्र जितेन्द्र कुमार एवं राठड पुरुषोत्तम रुदाभाई का चयन बी¨जग के चीनी छात्रवृत्ति विभाग द्वारा चीन में अध्ययन हेतु किया गया है। जितेन्द्र कुमार पुत्र स्व. रामदेव मौर्य, नव नालंदा महाविहार के पालि विभाग के स्नातक अंतिम वर्ष के छात्र हैं, जो मूल रूप से अमेठी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। इनका चयन शोधकार्य हेतु शीछुआन विश्वविद्यालय, छंगदु के रीलीजियस अध्ययन विभाग में किया गया है। वहीं राठड पुरुषोत्तम रुदाभाई पुत्र श्री रुदाभाई बौद्ध अध्ययन के स्नातकोत्तर विभाग के छात्र हैं, जो मूल रूप से अरब¨टबड़ी, गुजरात के रहने वाले हैं। इनका चयन भी शोधकार्य हेतु शीछुआन विश्वविद्यालय, छंगदु के रीलीजियस अध्ययन विभाग में किया गया है। दोनों छात्रों को सन 2018 से 2023 तक, पांच वर्षों के लिए पूर्ण छात्रवृत्ति प्राप्त हुई है। प्रथम वर्ष में इन्हे चीनी भाषा की शिक्षा दी जाएगी। इस छात्रवृति के अंतर्गत इन्हे मासिक छात्रवृत्ति के अतिरिक्त निश्शुल्क छात्रावास, अध्ययन सामग्री एवं मेडिकल इंश्योरेंस भी प्राप्त होगा। छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले दोनों छात्र अत्यंत ही साधारण घर से संबंध रखते हैं। जितेन्द्र कुमार के पिता नहीं होने के कारण उन्होंने अत्यंत कठिन परिस्थितियों में अध्ययन को जारी रखा क्योंकि उनका परिवार पूर्णरूप से कृषि पर आश्रित है। वहीं राठड पुरुषोत्तम रुदाभाई भी एक कृषक परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता रुदाभाई कृषि कार्य के साथ-साथ मजदूरी का भी काम करते हैं। भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछने पर दोनों छात्रों का कहना है कि पाली एवं बौद्ध अध्ययन से जुड़े होने के कारण वे उच्च शिक्षा ग्रहण कर चीनी भाषा के बौद्ध ग्रन्थों का अध्ययन करना चाहते है। पालि विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. राजेश रंजन एवं बौद्ध अध्ययन विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष डा. ललन कुमार झा ने इन दोनों को बधाई देते हुये कहा कि दोनों छात्र अत्यन्त परिश्रमी हैं, इसलिए आशा करता हूं कि चीन में वे भारत के साथ-साथ नव नालंदा महाविहार का नाम रोशन करेंगे। साथ ही साथ बताया कि इससे पूर्व पाली विभाग से पूनम कुमारी, रोशन कुमार, रंजीत कुमार एवं रजनीश कुमार चीन के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पूर्ण छात्रवृत्ति पर अध्ययन कर रहे हैं। इस प्रकार पाली विभाग एवं बौद्ध अध्ययन विभाग के छात्रों को प्रतिवर्ष छात्रवृति मिलने से इन विषयों के प्रति विद्यार्थियों का झुकाव बढ़ेगा।