बाकि सारे मुद्दे गौण, देश की सुरक्षा और राष्ट्रप्रेम सर्वोपरि
19 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर दैनिक जागरण की मुहिम बोले वोटर्स के पांचवें दिन हमारे संवाददाता ने शहर के चिकित्सकों से बात की । किसी ने स्वास्थ्य तो किसी ने सुरक्षा को अपना मुद्दा बताया। देश की सुरक्षा से लेकर चिकित्सको की सुरक्षा भी एक अहम मुद्दा रहा।
बिहारशरीफ: नालंदा में 19 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर दैनिक जागरण की मुहिम जागो वोटर्स के पांचवें दिन हमारे संवाददाता ने शहर के चिकित्सकों से बात की। किसी ने स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी तो किसी ने डॉक्टरों की सुरक्षा को अपना मुद्दा बताया। देश की सुरक्षा व राष्ट्रप्रेम के मुद्दे पर सभी एकमत दिखे। सभी ने कहा कि जिसके हाथों में देश सुरक्षित रहे, उसे ही वोट देंगे। दूसरे पायदान पर भ्रष्टाचार मिटाने का इरादा रहा। वहीं चिकित्सकों ने अशिक्षा व दोषपूर्ण शिक्षण प्रणाली को सारी समस्या की जड़ बताया। कहा, नई सरकार व नए सांसद से उनकी यही अपेक्षा रहेगी कि शिक्षण व्यवस्था को दुरुस्त व गुणवत्तापूर्ण बनाएं। नैतिक शिक्षा पाठ्यक्रम का हिस्सा हो। अनुपयोगी पढ़ाई बंद हो। शोध और नए अविष्कार पर जोर हो।
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स्वास्थ्य व शिक्षा की बेहतरी है मेरा मुद्दा
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प्रख्यात चिकित्सक डॉ. श्याम नारायण प्रसाद ने कहा कि मेरा वोट उसी को मिलेगा, जिस दल के घोषणा पत्र में स्वास्थ्य व शिक्षा की बेहतरी की इच्छाशक्ति दिखेगी। जन-स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए जिला अस्पतालों को अपग्रेड कर सुपर स्पेशियलिटी केन्द्र बनाने की ज्यादा जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में सभी जरूरी मेडिकल सुविधाओं के साथ-साथ पैथोलॉजिकल जांच की व्यवस्था भी हो। ऐसा करके हम भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं और यह सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में भी सहायक होगा। हमारी सेहत अच्छी होती है, तो हम ज्यादा काम कर पाएंगे। अगर घर का एक व्यक्ति बीमार होता है तो घर के सभी लोग परेशान हो जाते हैं। जिसका असर उनके कार्यों पर पड़ता है। साथ ही लोगों को इतना शिक्षित करें कि वो खुद ही देश-दुनिया के घटनाक्रम व शोध से अपडेट रहे। वैसे राष्ट्र की सुरक्षा व शौर्य सर्वोपरि है।
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चिकित्सकों की सुरक्षा पर मेरा वोट
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नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अरविद कुमार सिन्हा ने कहा कि चिकित्सकों की सुरक्षा मेरा मुख्य मुद्दा है। डॉक्टरों पर हमला व क्लीनिकों में तोड़फोड़ की घटना की रोकथाम के लिए जो दल कानून बनाकर नकेल कसने की इच्छाशक्ति दिखाएगा, वोट उसी दल के प्रत्याशी को देंगे। देश की सीमा हो या अंदर के क्षेत्र सुरक्षा का माहौल और अहसास सबसे ज्यादा जरूरी है। हम सुरक्षित नहीं महसूस करेंगे तो विकास के लिए जरूरी नई सोच को लागू नहीं कर सकेंगे। कहा, कोई भी डॉक्टर जान बूझकर अपने मरीज की जान खतरे में नहीं डालता। पहले से बिगड़ी हालत में किसी मरीज के आने पर बचाने की भरपूर कोशिश करता है। किसी-किसी मामले में सफलता नहीं मिलती तो इसे डॉक्टर की लापरवाही करार देकर उनसे अभद्रता और मारपीट तक कर दी जाती है। ऐसा ही चलता रहा तो कोई डॉक्टर गंभीर मरीज का इलाज ही नहीं करेगा। शिकायत निवारण के लिए कानून है। न्यायालय, जिला प्रशासन, चिकित्सा मंत्रालय, राज्य सरकार, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति जैसे कई मार्ग उपलब्ध हैं। ऐसे में हिसा का सहारा लेना और कानून हाथ में लेना स्वीकार्य नहीं है। डाक्टरों से मारपीट व हिसा डाक्टरों के उपचार के खिलाफ शिकायत की अभिव्यक्ति नहीं है।
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प्रत्याशी हो इमानदार, देश की सुरक्षा का रखे ख्याल
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ईएनटी डॉ. अश्विनी कुमार वर्मा ने कहा कि मैं वोट उसी को दूंगा, जो प्रत्याशी इमानदार छवि का होगा। दल वही पसंद है, जो राष्ट्र की सुरक्षा व सम्मान का हर हाल में ध्यान रखे और आतंकवाद पर लगाम कस सके। भ्रष्टाचार पर अंकुश, अपराध पर नियंत्रण व विकास उस दल का एजेंडा हो। साथ ही बेहतर व सस्ती शिक्षण व्यवस्था दे सके। युवाओं को रोजगार की गारंटी दे। डॉक्टर अश्विनी ने खुलकर कहा कि उन्हें नरेन्द्र मोदी सरकार पर भरोसा है कि वह इन क्षेत्रों में मजबूती से काम करेगी।
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हेल्थ टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित हो नालंदा
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शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मेरा वोट उसी को मिलेगा, जो नालंदा को हेल्थ टूरिज्म के रूप में विकसित करने की सोच रखता हो। स्वास्थ्य के लिए पर्यटन का मतलब है, दूसरी जगह जाकर इलाज कराना और साथ में छुट्टी का म•ा लेना। दुनिया भर के कई देशों में आज यह कई अरब डॉलर का उद्योग बन गया है। इसके लिए पूरे विश्व में ख्यात राजगीर व नालंदा बेहतर विकल्प बन सकते हैं। यहां अच्छा इलाज, अस्पताल और बेहतरीन डॉक्टर उपलब्ध हैं। अगर हवाई किराया और घूमने-फिरने का ़खर्च जोड़ दिया जाए, तो भी यहां इलाज बहुत सस्ता पड़ेगा। केरल व चेन्नई मेडिकल टूरिज्म के बेहतर उदाहरण हैं।
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महिलाओं की सुरक्षा और बराबरी का हक बने मुद्दा
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स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. हेना शमायम ने कहा कि मेरा उसी को मिलेगा, जो महिलाओं की सुरक्षा व उन्हें बराबरी का हक दिलाने के प्रति गंभीर दिखे। हमें ऐसा जनप्रतिनिधि चाहिए, जो व्यापक जनहित के काम कर सके और अपने इलाके-शहर की मूलभूत जरूरतें पूरी करा सके। जन अपेक्षाओं पर खरा उतर सके। महिला उत्पीड़न के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कहा, महिलाओं की सुरक्षा का मसला गंभीर बन चुका है। ऐसे में चुनाव में यह मुद्दा क्यों नहीं बनता। इसके लिए कोई नेता पहल क्यों नहीं करते। जो भी जनप्रतिनिधि चुने जाते हैं, वे सड़क, सुरक्षा, मच्छर, सफाई की बदइंतजामी तक से सरोकार नहीं रखते, परेशान हमें होना पड़ता है।
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जो धर्म पर राजनीति न करे
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डॉ. फैसल अरशद ने कहा कि मेरा वोट उसी को मिलेगा, जो धर्म पर राजनीति न करे, कौमी-एकता की बात करे। आज का युवा राजनीति में बदलाव चाहता है और बदलाव भी ऐसा, जो धर्म और जाति के मुद्दों से अलग देश के न्याय के साथ विकास की विचारधारा को स्वीकार करने वाला हो। जो नेता इन्हीं सब मुद्दों और देशहित के विजन को अपने एजेंडे में शामिल करेगा, मैं उसे ही वोट दूंगा। हमें धार्मिक मुद्दों में उलझाने वाली नहीं बल्कि देश की सुरक्षा और सभी नागरिकों के विकास वाली सरकार चाहिए।