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सुंदरगढ़ ज्वेलरी दुकान लूटकांड मामले का पुलिस ने किया उदभेदन

बिहारशरीफ: बीते 17 दिसंबर को बिहार थाना क्षेत्र के सुंदरगढ़ मोहल्ला निवासी अरुण कुमार के दुकान में ह

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 11:32 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 11:32 PM (IST)
सुंदरगढ़ ज्वेलरी दुकान लूटकांड मामले का पुलिस ने किया उदभेदन
सुंदरगढ़ ज्वेलरी दुकान लूटकांड मामले का पुलिस ने किया उदभेदन

बिहारशरीफ: बीते 17 दिसंबर को बिहार थाना क्षेत्र के सुंदरगढ़ मोहल्ला निवासी अरुण कुमार के दुकान में हुए लूटकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। एसपी सुधीर कुमार पोरिका ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में बताया कि अरुण की ज्वेलरी दुकान में चार बदमाश दाखिल होकर हथियार के बल पर जेवरात व अन्य समान लेकर फरार हो गए थे। इतना ही नहीं दुकान में बैठे एक ग्राहक का मोबाइल भी लूट कर भाग निकला था। घटना के बाद सदर डीएसपी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था जिसके बाद इस कांड में शामिल दीपनगर थाना क्षेत्र के दरोगा बिगहा निवासी रौशन कुमार व भुट्टू कुमार उर्फ ¨प्रस कुमार को गिरफ्तार किया गया। रौशन कुमार के घर में छापेमारी के दौरान ज्वेलरी के साथ-साथ एक देशी राइफल उसके पिता के कमरे से मिला । रौशन के पिता गणेश यादव को भी मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया। रौशन के निशानदेही पर ही लूट में प्रयुक्त दो मोटरसाइकिल भी बरामद किया गया। लूट के अन्य समान की तलाशी के दौरान सुदामा व करण के घर से दो देशी राइफल मिला । गिरफ्तार सुदामा व करण आपस में भाई है। वहीं लूटकांड में शामिल दो अन्य अपराधी फरार है जिन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। छापेमारी दल में डीएसपी इमरान परवेज, सर्किल इंस्पेक्टर मदन ¨सह, बिहार थानाध्यक्ष अशोक कुमार, दीपनगर थानाध्यक्ष धमेंद्र कुमार, दरोगा सुनील कुमार राजवंशी, डीआईयू प्रभारी उदय कुमार शामिल थे।

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सीसीटीवी फुटेज से मिला क्लू एसपी ने बताया कि घटना के बाद आसपास का सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया जिसमें दो लोग घटना के समय भागते हुए दिखे। लोकल व पुलिस सूत्र के आधार पर बाइक सवार की पहचान की गई। इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए अपराधी कम उम्र के हैं और नया -नया गैंग बनाया था । रौशन इस गैंग का मास्टर माइंड है। उसने बताया कि उसने अपने उम्र के लड़कों को गैंग में शामिल किया था। पहले वह घटनास्थल के आसपास की रेकी करता था। उसके बाद एक व्यक्ति पुलिस के मूवमेंट की जानकारी लेता था। घटना को अंजाम देने के बाद सभी अलग-अलग रास्तों से भाग जाता था ताकि कोई पहचान न सके। घटना के वक्त सभी लोग अपने मुंह को ढक लेता था।


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