सौरभ प्रतीक का अंग दान करने वाले माता-पिता को मिला साहसी प्रमाण पत्र
बिहारशरीफ। हिलसा थाना क्षेत्र के गजेंद्र बीघा गांव के मूल निवासी शशि भूषण प्रसाद के 19 वर्षीय पुत्र
बिहारशरीफ। हिलसा थाना क्षेत्र के गजेंद्र बीघा गांव के मूल निवासी शशि भूषण प्रसाद के 19 वर्षीय पुत्र सौरभ प्रतीक मौत के बाद भी जीवित हैं। सौरभ की आंखें, दिल और लीवर आज भी जीवित हैं और यह दूसरों को जीवन दे रहा है। सौरभ विकलांग जरूर था लेकिन उसकी सोच दूसरे लोगों से अलग थी। सौरभ प्रतीक की मौत के बाद उसके माता-पिता अंगदान कर जिले में ही नहीं, दुनिया में मिसाल कायम की है।
बताया जा रहा है कि 20 सितंबर को सौरभ प्रतीक हिलसा स्टेशन रोड स्थित अपने मकान की छत से गिर गये थे। उनका उपचार निजी अस्पताल में कराया जा रहा था लेकिन 24 सितंबर 2018 को उन्हें चिकित्सकों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया। मां-पिता ने उन्हें पटना के इंदिरा गांधी आयुर्वेदिक संस्थान में भर्ती कराया था। इसके बाद पिता शशि भूषण प्रसाद और मां सरिता देवी ने पुत्र सौरभ प्रतीक के अंगों को दान करने की इच्छा जताई थी। इसके बाद इंदिरा गांधी इंस्टीच्यूट के प्रमुख चिकित्सकों ने सौरभ प्रतीक की दोनों आंखें, लीवर और दिल सफलतापूर्वक निकाल लिया जिसे अलग-अलग लोगों में प्रत्यारोपित कर दिया गया।