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सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले सीधे जाएंगे जेल : एसपी

बिहारशरीफ: बेवजह सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने, अभद्र टिप्पणी करने वाले जेल भेजे जाएंगे। फेसबुक, वॉट्सअप व ट्विटर पर पुलिस की कड़ी निगाह है। इसको लेकर सर्विलांस टीम के साथ तकनीकी तौर पर सक्षम पुलिस अधिकारी भी लगाए गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 07:32 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 07:32 PM (IST)
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले सीधे जाएंगे जेल : एसपी
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले सीधे जाएंगे जेल : एसपी

बिहारशरीफ: बेवजह सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने, अभद्र टिप्पणी करने वाले जेल भेजे जाएंगे। फेसबुक, वॉट्सअप व ट्विटर पर पुलिस की कड़ी निगाह है। इसको लेकर सर्विलांस टीम के साथ तकनीकी तौर पर सक्षम पुलिस अधिकारी भी लगाए गए हैं। फर्जी आईडी बनाने वालों तक भी पहुंचने का तरीका ढूंढ निकाला गया है। जल्द ही पुलिस टीमें कड़ी कार्रवाई करेंगे। पुलिस कप्तान नीलेश कुमार ने कहा है कि शहर की हालिया घटना और बेबजह माहौल को तूल देकर सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गयी थी। जिसे पुलिस प्रशासन ने विफल कर दिया। हमने पाया कि इसे भड़काने में सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। यही कारण है कि हमने सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने वाले संदेश और आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त करवाई करने का निर्देश दिया है। ऐसा करने वालों के खिलाफ धारा 153 (ए) (धार्मिक उन्माद ़फैलाने की कोशिश) के तहत करवाई की जायेगी।

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------------------------------ क्या है धारा 153(ए)

आईपीसी की धारा 153 (न्) उन लोगों पर लगाई जाती है, जो धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं। धारा 153 (न्) के तहत 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। अगर ये अपराध किसी धार्मिक स्थल पर किया जाए तो 5 साल तक की सजा और जुर्माना भी हो सकता है।

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सोशल मीडिया का यू•ा कीजिए, मिसयूज नहीं एसपी ने स्पष्ट रूप से कहा कि स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति के नाम पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने की इ•ा•ात कतई नहीं है। सोशल मीडिया समाज को जोड़ने का जरिया है न कि तोड़ने का। जो इसे तोड़ेगा प्रशासन उसे नहीं छोड़ेगी। इधर कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि सोशल मीडिया पर लोग आपत्तिजनक पोस्ट लगाने से बाज नहीं आ रहे है।

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जेल जाने वालों की लिस्ट बनकर तैयार

एसपीएसपी ने बताया कि फेसबुक, व्हाट्सएप्प, ट्विटर और सोशल मीडिया के अन्य मंचों पर भड़काऊ और आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त करवाई की जा रही है। वैसे लोगों को चिन्हित कर लिया गया है। गंगा-जमुनी-संस्कृति के साथ खिलवाड़ करने वालों को जेल भेजा जाएगा। शहर की कौमी एकता को हर हाल में कायम रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कई बार सांप्रदायिक माहौल खराब करने की नीयत से असत्य सामग्री पोस्ट की जाती है। इस गलत सामग्री से खासकर युवाओं के मन पर गलत असर पर रहा है। -----------------------------

गठित की गयी साइबर क्राइम सेल

एसपी ने कहा कि सोशल मीडिया पर न•ार रखने के लिए एक टीम गठित की गयी है। कोई भी व्यक्ति आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट कर के नहीं बच सकता। इतना ही नहीं ग्रुप में भड़काऊ पोस्ट करना एडमिन को भारी पड़ेगा। एडमिन के साथ- साथ मेंबर्स भी इसमें फंस सकते हैं। ऐसे में किसी ग्रुप पर किसी धर्म, समुदाय विशेष जुड़ी बातों के सामने आने पर उनको डिलीट करने, उन पर किसी तरह का ध्यान न देने, उसके संबंध में पुलिस को सूचना देने की अपील मैं जनता से करता हूँ। माहौल बिगड़ने पर हर किसी को बराबर भागीदार माना जाएगा।

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इन बातों का रखें ध्यान सोशल मीडिया पर किसी अफवाह पर ध्यान न दें।- किसी धर्म समुदाय से जुड़ी तस्वीरों को कोई अप्रिय टिप्पणी न करें।- किसी ग्रुप में ऐसी हरकत होने पर तत्काल उसे डिलीट करें- ऐसे लोगों को ग्रुप एडमिन ग्रुप से बाहर करें। पर्सनली भी ब्लॉक करें।- फेसबुक पेज पर ऐसे लोगों से कतई दोस्ती न करें। अफवाह फैलाने वालों से सतर्क रहें।- किसी विवादित मसले पर टिप्पणी से बचें। कोई बात कहने से उचित भाषा का इस्तेमाल करें।


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