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हिलसा जेल से कैदी भागने के मामले में तीन कक्षपालों पर निलंबन की अनुशंसा

हिलसा : हिलसा जेल से कैदी टीपू पासवान के भागने के मामले में तीन कक्षपाल के खिलाफ निलंबन की अनुशंसा क

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jan 2019 11:06 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2019 11:06 PM (IST)
हिलसा जेल से कैदी भागने के मामले में तीन कक्षपालों पर निलंबन की अनुशंसा
हिलसा जेल से कैदी भागने के मामले में तीन कक्षपालों पर निलंबन की अनुशंसा

हिलसा : हिलसा जेल से कैदी टीपू पासवान के भागने के मामले में तीन कक्षपाल के खिलाफ निलंबन की अनुशंसा की गई है। साथ ही इन तीनों कक्षपाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी करने की अनुशंसा की गई है। यह कार्रवाई जेल अधीक्षक लाल बाबू राय ने जांचापरांत की है। जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल से भागने वाला कैदी टीपू पासवान वार्ड संख्या छह में रहता था। वार्ड संख्या छह से आठ तक के प्रभारी कक्षपाल वैद्यनाथ प्रसाद थे। जेल मैन्युअल के अनुसार सभी प्रभारी को अपने-अपने वार्ड के कैदी पर नजर रखने की जवाबदेही होती है, जिसका निर्वाह कक्षपाल वैद्यनाथ प्रसाद ने नहीं किया। जेल परिसर के अंदर के इंचार्ज कक्षपाल नीतीश कुमार थे। कक्षपाल नीतीश के पास ही नए वार्ड के गेट की चाभी थी। उसने चाभी कक्षपाल कमलेश कुमार को दी थी। कक्षपाल कमलेश कुमार ने ही अन्य कैदी के साथ कैदी टीपू पासवान को हर रोज की तरह सामान निकालवाने को अंदर घुसाया था लेकिन उसे बाहर निकालने की सुध नहीं रही। बगैर आदेश के चाभी दूसरे को देने तथा चाभी लेने के बाद अपने कर्तव्य के निर्वहन में लापरवाही बरतने का आरोप कक्षपाल नीतीश कुमार और कमलेश कुमार लगाया गया है।

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-------------------- जेल डीआईजी की रिपोर्ट पर है सभी की नजर कैदी टीपू पासवान ऊर्फ लहेरी पासवान के भागने के मामले में अब सभी की नजर जेल डीआईजी की रिपोर्ट पर है। मामले की जांच करने एआईजी संजय कुमार चौधरी के साथ जेल डीआईजी नीरज कुमार सिन्हा करीब पांच घंटे तक जेल में घुमघुम कर मामले की गहराई से छानबीन की। इस दौरान मिले तथ्यों के आधार पर डीआईजी जेल आईजी को रिपोर्ट सौपेंगे। जेल अधीक्षक लालबाबू राय द्वारा प्रारंभिक जांचोपरांत की गयी कार्रवाई की अनुशंसा के बाद सभी की नजर डीआईजी की रिपोर्ट पर है। डीआईजी की रिपोर्ट प्रतिकूल होने पर अधिकारियों पर भी कार्रवाई की संभावना है।

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मानक के अनुरूप ऊंची नहीं है हिलसा जेल की चारदिवारी हिलसा जेल में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। मानक के अनुरूप न तो जेल की चारदिवारी है और न ही वॉच टावर ही है। जानकारों के मुताबिक जेल की चारदिवारी की ऊंचाई 21 फीट होनी चाहिए थी, जबकि हिलसा जेल की चारदिवारी 18 फीट ही है। चारदिवारी के चारों ओर वॉच टावर होने चाहिए जबकि जेल में मात्र दो ही वॉच टावर हैं। दो में से एक ही वॉच टावर पर संतरी तैनात किया जाता है। बुधवार को कैदी टीपू पासवान के भागने के बाद दोनों वॉच टावर पर संतरी की ड्यूटी लगाई गई।

--------------------- 22 वर्ष पहले भी हिलसा जेल से भागा था कैदी हिलसा जेल से कैदी टीपू पासवान ऊर्फ लहरी पासवान के भागने की पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी हिलसा जेल से कैदी भाग चुका है। कैदी टीपू पासवान के भागने के बाद जेल के अंदर तथा बाहर हो रही चर्चा की मानें तो वर्ष 1997 में जेल में बंद कैदी ईंट के टुकड़ों के सहारे दीवाल फांदकर भाग गया था। तब भी जेल की चारदिवारी मानक के अनुरूप नहीं थी। उस वक्त कैदी भागने के बाद जेल की चारदिवारी को कुछ ऊंचा तो किया गया लेकिन मानक के अनुरूप अबतक भी नहीं बनाया गया।


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