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विचार-विमर्श से ही बच्चों के अंदर होता है बौद्धिक विकास : प्राचार्य

(नालंदा)।   गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही हमारे देश के कर्णधार रुपी बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव है। 

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Sep 2018 07:15 PM (IST)Updated: Sat, 01 Sep 2018 07:15 PM (IST)
विचार-विमर्श से ही बच्चों के अंदर होता है बौद्धिक विकास : प्राचार्य
विचार-विमर्श से ही बच्चों के अंदर होता है बौद्धिक विकास : प्राचार्य

(नालंदा)।   गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही हमारे देश के कर्णधार रुपी बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव है।  इस दायित्व के तहत हमें संवेदनशीलता बरतनी होगी। और इस विषय पर  अभिभावक एवं शिक्षकों के मध्य विचार संगोष्ठी सह उत्तरोत्तर शिक्षा पर समीक्षा का समय-समय पर आयोजन होना बच्चों की समुचित शिक्षा के दिशा में एक कारगर व सार्थक कदम होता है । 

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उक्त बातें हसनपुर स्थित पूज्य तपस्वी जगजीवन जी महाराज सरस्वती विद्या मंदिर के शिशु वाटिका में शनिवार को आयोजित अभिभावक गोष्ठी के दौरान जिला स्कूल राणा बिगहा के उप प्राचार्या सरिता कुमारी ने कही। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के गोष्ठी के आयोजन से बच्चों के सर्वांगीण शैक्षणिक विकास में नए तथा बेहतरीन विचार का आदान प्रदान शिक्षकों व विद्यालय प्रबंधन  को प्राप्त होता है। इस क्रम में  एन के विस्वाल ने कहा कि विचार-विमर्श से ही बच्चों के अंदर शारीरिक, बौद्धिक एवं मानसिक विकास किया जा सकता है। प्राचार्य अमरेश कुमार ने कहा कि नन्हें बच्चे देश के भविष्य हैं। ये भारत की पहचान हैं। आगे चलकर यही बच्चे देश में अपने अभिभावक व शिक्षक का नाम रेशन करेंगे। इस दौरान नन्हें-मुन्हें बच्चों ने कान्हा का ड्रेस पहना जो काफी मनमोहक था। इस मौके पर मीडिया प्रभारी सुमन कुमार चौधरी, रीना कुमारी पांडेय, पम्मी कुमारी ¨सह सहित अन्य मौजूद थे।


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