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    पटना स्नातक निर्वाचन मतदाता बनने की अंतिम तिथि बढ़ी,  पुरानी सूची पूरी तरह रद

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 02:13 PM (IST)

    पटना स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदाता पंजीकरण की अंतिम तिथि 28 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। पहले यह तिथि 5 नवंबर थी, लेकिन विधानसभा चुनाव के कारण प्रशासनिक व्यस्तता के चलते इसे बढ़ाना पड़ा। विधान पार्षद नीरज कुमार ने एनडीए कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और मतदाता सूची में अधिक नाम जुड़वाने पर जोर दिया। पुराने मतदाता सूची को रद्द कर दिया गया है, इसलिए सभी मतदाताओं को फिर से आवेदन करना होगा।

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    पटना स्नातक निर्वाचन मतदाता

    संवाद सूत्र, एकंगरसराय। पटना स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदाता बनवाने की प्रक्रिया एक बार फिर रफ्तार पकड़ चुकी है। पहले इस कार्य की अंतिम तिथि 5 नवंबर निर्धारित थी, लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान प्रशासनिक व्यस्तता और विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के समयाभाव के कारण यह कार्य लगभग ठप पड़ गया था।

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    स्नातक चुनाव लड़ने वाले संभावित प्रत्याशियों एवं मतदाताओं के आग्रह को देखते हुए मतदाता नामांकन की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है। अब इच्छुक स्नातक मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए 28 नवंबर तक अपना आवेदन जमा कर सकते हैं।

    नालंदा में एनडीए कार्यकर्ताओं की बैठक 

    इस बीच, स्नातक मतदाता सूची में अधिक से अधिक नाम जुड़वाने को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने भी सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। इसी क्रम में 11 नवंबर को बिहार शरीफ में पटना स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के विधान पार्षद नीरज कुमार ने नालंदा जिले के एनडीए कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में उन्होंने मतदाता बनाए जाने की दिशा में आवश्यक तैयारियों और जागरूकता फैलाने पर बल दिया।

    जानकारी के अनुसार, जो भी स्नातक मतदाता के रूप में नाम दर्ज कराना चाहते हैं, उन्हें निर्धारित प्रपत्र के साथ स्नातक की डिग्री, फोटो, पहचान प्रमाण पत्र तथा आवेदन फॉर्म को किसी राजपत्रित अधिकारी से सत्यापित कराना अनिवार्य होगा।

    पुराने मतदाता सूची को पूरी तरह से रद 

    विदित हो कि प्रत्येक स्नातक चुनाव के पूर्व पुराने मतदाता सूची को पूरी तरह से रद कर दिया जाता है और नयी मतदाता सूची का निर्माण किया जाता है। सामान्यतः यह होना चाहिए कि नये कार्यकाल में जो लोग स्नातक की डिग्री प्राप्त करते हैं, केवल उन्हीं का नाम जोड़ा जाए और पुराने मतदाताओं का नाम यथावत बना रहे। 

    लेकिन वर्तमान व्यवस्था में ऐसा नहीं होता है सभी मतदाताओं का नाम एक साथ रद्द कर दिया जाता है और प्रत्येक स्नातक को पुनः नया फॉर्म भरकर आवेदन देना पड़ता है।