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नालंदा के परवलपुर पीएचसी में कोविड मरीजों के लिए केवल दो बेड और दो छोटे आक्सीजन सिलिडर

बिहारशरीफ। पांच पंचायतों को संभालने वाले परवलपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था खस्ताहाल है। 24 जुलाई की शाम पांच बजे जब जागरण टीम पीएचसी पहुंची तो वहां का नजारा देखने लायक था। छत व दीवार की प्लास्टर जगह-जगह से उखड़ी थी। बरसात में छत टपकती है। हास्पीटल छह बेड का है लेकिन वहां पर सिर्फ पांच बेड ही दिखे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 05:57 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 05:57 PM (IST)
नालंदा के परवलपुर पीएचसी में कोविड मरीजों के लिए केवल दो बेड और दो छोटे आक्सीजन सिलिडर
नालंदा के परवलपुर पीएचसी में कोविड मरीजों के लिए केवल दो बेड और दो छोटे आक्सीजन सिलिडर

बिहारशरीफ। पांच पंचायतों को संभालने वाले परवलपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था खस्ताहाल है। 24 जुलाई की शाम पांच बजे जब जागरण टीम पीएचसी पहुंची तो वहां का नजारा देखने लायक था। छत व दीवार की प्लास्टर जगह-जगह से उखड़ी थी। बरसात में छत टपकती है। हास्पीटल छह बेड का है, लेकिन वहां पर सिर्फ पांच बेड ही दिखे। किसी बेड पर चादर नहीं बिछी थी। बेड के टूटे पाये को ईंट के सहारे जमाया गया था। प्रसव के लिए दो महिला मरीज भर्ती थीं। पूछने पर कहा, नाश्ता-खाना नहीं मिलता है। मरीज वार्ड में पंखा भी नहीं दिखा। उमस भरी गर्मी हाथ से झलने वाले पंखे के सहारे कटती है। प्रसव का कार्य पुरुष चिकित्सक की देखरेख में नर्स ही संभालती हैं। शाम पांच बजे ओपीडी में न कोई डाक्टर थे और न ही कोई मरीज। दवा कक्ष में भी ताला जड़ा था। मालूम चला कि सुबह में ओपीडी खुला था। कुछ मरीजों को परामर्श देकर डाक्टर चले गए।

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बता दें कि परवलपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुल चार डाक्टर व 23 नर्स कार्यरत हैं। ओपीडी नियमित चलती है। कोरोना की पिछली लहर से सबक लेकर अस्पताल में एक की बजाए दो छोटे आक्सीजन सिलेंडर रखे गए हैं। कोविड मरीजों के लिए अलग से दो बेड की व्यवस्था की गई है। एकमात्र एंबुलेंस उपलब्ध है। बच्चों में संक्रमण फैला तो उनके उपचार के लिए यहां कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। शिशु रोग विशेषज्ञ भी नहीं हैं। बीमार बच्चों को रेफर करने के सिवा कोई चारा नहीं है।

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हेल्थ मैनेजर ने कहा, नहीं हैं बाल व स्त्री रोग विशेषज्ञ

सोमवार को परवलपुर पीएचसी में चिकित्सा प्रभारी डा. परमेश्वर प्रसाद व

हेल्थ मैनेजर सत्यम शिवम दोनों मौजूद थे। पूछने पर हेत्थ मैनेजर ने बताया कि यहां कुल चार डाक्टर व 23 नर्स कार्यरत हैं। बच्चे का कोई स्पेशलिस्ट डाक्टर या कोई लेडीज स्पेशलिस्ट डाक्टर उपलब्ध नहीं हैं। कोविड मरीजों के लिए कोई कोई स्पेशल बेड नहीं है। प्रसव कक्ष का पंखा खराब हो गया है, रिपेयरिग के लिए भेजा गया है। बरसात में छत से पानी टपकने की सूचना जिला मुख्यालय को दी जाएगी।


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