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Nalanda Lockdown घरों से निकलने में लोग कर रहे परहेज, जेल में भी बनी सामुदायिक दूरी

जैसे-जैसे लॉकडाउन का वक़्त गुजर रहा है लोग घरों से निकलने में परहेज़ कर रहे हैं। छठे दिन नालंदा में सोशल डिस्टेंस के साथ-साथ लोगों में जागरूकता देखने को मिली।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 01:46 PM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2020 01:46 PM (IST)
Nalanda Lockdown घरों से निकलने में लोग कर रहे परहेज, जेल में भी बनी सामुदायिक दूरी
Nalanda Lockdown घरों से निकलने में लोग कर रहे परहेज, जेल में भी बनी सामुदायिक दूरी

नालंदा, जेएनएन। लॉकडाउन के छठे दिन नालंदा में सोशल डिस्टेंस के साथ-साथ लोगों में जागरूकता देखने को मिली। मुख्य सड़कों पर सन्नाटा पसरा दिख रहा। सुबह में एसडीओ जनार्दन प्रसाद अग्रवाल व डीएसपी इमरान परवेज़ ने बाजार समिति जाकर लोगों को सामाजिक दूरी बनाने के लिए जागरूक किया। डीएसपी ने बताया कि सभी थोक विक्रेताओं से अपील की है कि वे मंडी में भीड़ न लगने दें। सभी मास्क लगाएं। अस्पताल-चौराहे पर दवा लेने के नाम पर घूमने वाले लोगों का वाहन सीज किया गया। डीएसपी ने सभी दवा दुकानदारों को भी सामाजिक दूरी बनाकर दवा देने की अपील की है। 

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जो फंसे हैं उन्हें घर जाने व खाने की चिंता 

लॉकडाउन के दौरान जिले में कुछ ऐसे लोग भी फंसे हैं जो इस परिस्थिति के लिए तैयार नहीं थे। कई लोग दूसरे जगह के हैं जिन्हें घर पहुंचने की चिंता सता रही है। कागज़ी मोहल्ला निवासी मो.पप्पू ने बताया कि उनके स्वजन की तबीयत खराब है। वह बांका में हैं। उनका किडनी का इलाज चल रहा है। जिस दिन पटना से दवा लेकर पहुंचा, उसी दिन लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है। अब प्रशासन से अपील है कि हमारे लिए कोई व्यवस्था करें। ऐसे कई लोगों ने फोन कर अपनी परेशानियां दैनिक जागरण से साझा कीं। 

डंड बैठक करें, आगे बढ़ें 

लॉकडाउन में जबरन घर से निकलने वाले लोगों का वाहन पुलिस ने सीज कर लिया। साथ ही पिटाई के बदले लोगों को डंड बैठक करवा कर छोड़ दिया गया। यातायात थानाध्यक्ष जय गोविंद यादव ने बताया कि जिन लोगों के पास हेलमेट नहीं है, उनका फाइन काटा जा रहा है। एक टाटा मैजिक पर 7 लोग बैठे थे। जब पूछा तो कहा अस्पताल जा रहे है। लेकिन अंदर 6 लोग छिपकर बैठे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में कानून तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

कार्ड वाले को अनाज, जिनके पास नहीं उनका क्या साहब?

शनिवार की सुबह में जब जागरण टीम लॉकडाउन की ग्राउंड रिपोर्टिंग करने निकली तो कई जगहों पर लोगों ने अपनी बात रखी। लोगों ने कहा कि जिनके पास कार्ड है उन्हें तो कोई दिक्कत नहीं। सरकार अनाज व खाते में रुपये भी देगी लेकिन जिनके पास कुछ नहीं है, वो क्या करेंगे। एसडीओ जनार्दन प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि ऐसे लोगों के लिए सामुदायिक किचन की व्यवस्था की गई है। 

थानों में भी पसरा है सन्नाटा 

लॉकडाउन का असर हर जगह देखने को मिल रही है। आम दिनों में जहां थानों में फरियादियों की भीड़ लगी रहती थी, वहां सन्नाटा पसरा है। प्रशिक्षु दारोगा थाने में पुरानी एफआइआर की कॉपी पढ़कर पुलिसिंग के तौर तरीके सीख रहे हैं। बिहार थाना में अभी तक तीन वैसे केस दर्ज किए गए हैं जो डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के अंतर्गत आते हैं। 

जेलों में भी सामाजिक दूरी का किया जा रहा है पालन 

कोरोना को लेकर जेल प्रशासन भी सजग है। जेल अधीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि सोशल डिस्टेंस का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। एक वार्ड में जहां 32 कैदी को रखा जाता था, वहां 12 कैदी को रखा जा रहा है। साथ ही हर वार्ड में साबुन व हैंड वाश की व्यवस्था की गई है। कैदियों को बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है। हर दिन ब्लीचिंग पाउडर का घोल बनाकर खिड़की व गेट की सफाई कराई जा रही है। जेल के अंदर मौजूद चिकित्सक समय-समय पर कैदियों का चेक अप कर रहे हैं।

सड़कों को किया गया सेनेटाइज्ड 

नगर निगम की ओर से सड़कों को सेनेटाइज्ड किया गया। नगर आयुक्त अंशुल अग्रवाल ने बताया कि 31 मार्च तक सभी वार्डों में फोगिंग व सड़कों को सेनेटाइज्ड किया जाएगा। हर दिन रोस्टर के हिसाब से नगर निगम के कर्मी हर वार्ड में जाकर फॉगिंग करेंगे साथ ही सड़कों को सैनिटाइज्ड करेंगे।


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