राज्य के कई साहित्यकार व शिक्षाविदों ने कार्यक्रम में की शिरकत
बिहार के चर्चित कथाकार व आंचलिक साहित्य सर्जक संजय कुमार अविनाश की पाँचवी पुस्तक “पगदंडी टू हाइवे का लोकार्पण समारोह शरद पूर्णिमा के अवसर पर कहानी की मूल केंद्र अमरपुर विद्यालय में पढकर अपने-अपने कार्य क्षेत्र में बेहतर कार्य कर विद्यालय व समाज तथा देश और प्रदेश में नाम कमाने वाले लोगों की है।
बिहारशरीफ : बिहार के चर्चित कथाकार व आंचलिक साहित्य सर्जक संजय कुमार 'अविनाश' की पांचवी पुस्तक, “पगदंडी टू हाइवे'' का लोकार्पण समारोह 'शरद पूर्णिमा' के अवसर पर, कहानी की मूल केंद्र अमरपुर विद्यालय में पढकर अपने-अपने कार्य क्षेत्र में बेहतर कार्य कर विद्यालय व समाज तथा देश और प्रदेश में नाम कमाने वाले लोगों की है। गंगा की पावन धारा की उर्वर तट पर बसा 'मेदनी चौकी' में आयोजित इस समारोह में देश के बहुचर्चित लेखक और साहित्य समीक्षकों का जमावड़ा था। गंगा की गोद, जिसे 'दियारा' कहा जाता है, में साहित्यिक सर्जक हस्तियों का इकट्ठा होना, अपने आप में विस्मरणीय और अछ्वुत संयोग है। यह संजय कुमार 'अविनाश' की साहित्यिक उर्जा की कशीश और लोगों में उनके चुम्बकीय प्रभाव का असर था।
इस मौके पर नालंदा साहित्यिक मंडली के अध्यक्ष साहित्यकार व्याख्याता डॉ0 लक्ष्मीकांत सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि आंचलिक कथाकार व साहित्यकार संजय कुमार 'अविनाश' के कथाओं में ऐतिहासिक ²ष्टिकोण के साथ आंचलिक भाषा शिल्प का प्रवाह है। इनमें कथा सम्राट, Xह्नह्वश्रह्ल;प्रेमचन्दXह्नह्वश्रह्ल; की बेबाकी शैली का आभास होता है तो दूसरी तरफ भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर की सामाजिक व्यथा का झलक मिलता है। इसके साथ ही कथाशिल्पी, 'मैत्रेयी पुष्पा' तथा फनीश्वरनाथ रेणु की तल्ख आंचलिक शब्दों की गुदगुदी भी महसूस किया जाता है। संजय कुमार 'अविनाश,' की कहानियों का परिवेश आंचलिक परम्परा और समस्याओं पर आधारित हैं तथा इसमें ऐतिहासिक तत्वों का दर्शन भी उपलब्ध है। “पगदंडी टू हाइवे'' कथा का परिवेश “अमरपुर उच्च विद्यालय'''है और उस के शिक्षक व छात्र के जीवनवृत । किसी हिदी फिल्मों का एहसास कराता शीर्षक, कितने आयामों का चित्र उपस्थित करता है की पढने पर जीवंतता परिलक्षित होता है। इस सारगर्भित “पगदंडी टू हाईवे'' पुस्तक में कुल दस लोगों का जीवन वृत है जो अमरपुर उच्च विद्यालय से सम्बंधित हैं, यथा--लक्ष्मी नारायण सिंहा, देवकीनंदन महतो, रामचरित्र महतो, सुशील झा, केशव प्रसाद सिंह, बालेश्वर मंडल, सिधेश्वर प्रसाद यादव, मो.आफताब आलम, कमलेश्वरी दास एवं डा.कमलकांत के साथ-साथ अन्य महान विभूतियों की चर्चा है। युवा आंचलिक कथाकार संजय कुमार 'अविनाश' ने पुस्तक बिक्री के एक लाख दस हजार रुपये के दस प्रतिशत ग्यारह हजार रुपये स्थानीय बाजार में संचालित “जन उत्थान सेवा समिति'' के नाम करते हुए आयोजक डब्लू खान को भेंट किया।
कार्यक्रम का संचालन कविता कोश के उपनिदेशक राहुल शिवाय तथा अध्यक्षता अमरपुर उच्च विद्यालय के सेवानिवृत्त प्राचार्य सरयुग प्रसाद मेहता ने की और अंत में सभी आगंतुकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस गोष्ठी में मुख्य रुप से नालंदा साहित्यिक मंडली “शंखनाद'' के अध्यक्ष प्रख्यात इतिहासकार व साहित्यकार डॉ0 लक्ष्मीकांत सिंह, साहित्यसेवी राकेश बिहारी शर्मा, संगीत सम्राट अशोक सिंह, गायक राजीव रंजन, व्याख्याता अंजनी कुमार सुमन, वरिष्ठ साहित्यकार अनिल कुमार झा, हिन्दी भाषा सहित परिषद्के महासचिव कैलाश झा किकर, बिरला इंस्टीट्यूट के संस्कृत एचओडी सोमेश कश्यप, कथाकार मुकेश कुमार सिंह, आलोचक विनय कूमार सिंह, सुधीर कुमार, जन कवि दीनानाथ सुमित्र सहित सैकड़ों स्थानीय साहित्यप्रेमी, छात्र-छात्रा आदि उपस्थित थे।