जापान के नारा के सिस्टर स्टेट की तर्ज पर विकसित होगा बिहार, जल्द होगा एमओयू : सीएमतीश
बिहारशरीफ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार को जापान के नारा के सिस्टर स्टेट की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
बिहारशरीफ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार को जापान के नारा के सिस्टर स्टेट की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इस पर सहमति बन गई है। इस प्रस्ताव पर विदेश मंत्रालय तेजी से काम कर रहा है। जल्द ही एमओयू पर दस्तखत हो जाएगा। कहा, बौद्ध सर्किट को आपस में रेलवे से जोड़ने और सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने का भी जापान ने वचन दिया है। एयरपोर्ट से पूरे साल जापान व अन्य बौद्ध देशों से नियमित उड़ान की दिशा में केन्द्र सरकार को पहल करनी चाहिए। मुख्यमंत्री गुरुवार को रत्नागिरी पर्वत पर बने विश्वशांति स्तूप के 49वें वार्षिकोत्सव समारोह में बोल रहे थे।
इसी साल अपनी जापान यात्रा का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां नारा प्रांत के गर्वनर से मुलाकात हुई। जिसमें बिहार को नारा के सिस्टर स्टेट की तर्ज पर विकसित करने पर सहमति बनी। उन्होंने कहा, भगवान बुद्ध से जुड़े देश के तमाम स्थलों को रेल रूट से जोड़ने और सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने का भी जापान ने वचन दिया है। लगे हाथ सीएम ने गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पूरे साल जापान व अन्य बौद्ध देशों से नियमित उड़ान की भी चर्चा छेड़ दी। कहा, इसके लिए केन्द्र सरकार को पहल करनी चाहिए। विश्वशांति स्तूप के लिए रत्नागिरी पर्वत के पूर्व में किए गए चयन पर सीएम ने कहा कि यहां से सीधे गृद्धकूट पर्वत दिखता है। जहां ज्ञान प्राप्ति के बाद भगवान बुद्ध अपने शिष्यों को उपदेश दिया करते थे। कहा, जल्द ही राजगीर की पंच पहाड़ियों को पैदल पथ से इंटर ¨लक करने और रास्ते में एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने का काम शुरू किया जाएगा। जिससे घोड़ाकटोरा में पहाड़ी पर मौजूद अशोककालीन स्तूप तक जाने में सहूलियत होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वार्षिकोत्सव के पहले तक विश्वशांति स्तूप आने के लिए 4 सीटर रोप वे शुरू हो जाएगा। राजगीर में जू सफारी और ग्रीन सफारी पर भी तेजी से काम चल रहा है। ताकि पर्यटक यहां आएं तो कुछ अच्छा समय व्यतीत कर सकें। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की पुनस्र्थापना की चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि इसमें भी जापान सहयोग कर रहा है। विवि परिसर में ही कान्फ्लीक्ट रिजोलुशन सेंटर बनाने की थीम पर काम हो रहा है। ताकि विश्वभर के झगड़े यहां सौहार्दपूर्ण वातावरण में सुलझाए जा सकें।
दरअसल, मुख्यमंत्री को सुनने वालों में जापान, वर्मा, थाईलैंड और नेपाल के बौद्ध भिक्षु तो थे ही जापान की सीजीसी कम्पनी के 100 प्रतिनिधि भी शामिल थे। इस कारण उनका पूरा फोकस जापान से भारत के जुड़ाव और उसे विस्तार देने पर केन्द्रित रहा। इस दौरान विशिष्ट अतिथि के तौर पर पूर्व विदेश सचिव सह क¨लगा इंटरनेशनल फाउंडेशन के चेयरमैन ललित मान ¨सह, जापान की सीजीसी कम्पनी के चेयरमैन सह सीजीसी व सैंटोकू पिलग्रिमेज मिशन ऑफ इंडिया के लीडर अस्तुहीरो होरिउची, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार सहमेत कई विभागों के प्रधान सचिव मौजूद थे।