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कोरोना काल में बेहतर काम करने वाले सौ ग्रामीण चिकित्सक सम्मानित

स्थानीय बा•ार स्थित एक सभागार में ग्रामीण चिकित्सकों का सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस सभा का आयोजन चिकित्सक सेवा सरंक्षण के द्वारा किया गया। सभा का मुख्य उद्देश्य कोरोना काल में मानवता की रक्षा करने में ग्रामीण चिकित्सकों का बहुत बड़ा योगदान है। रक्षा और प्राथमिक उपचार की भावना को देखते हुए सर्वोच्च मानव अधिकार संरक्षण के तरफ से इस्लामपुर बेन परवलपुर राजगीर राहुई एकंगरसराय विभिन्न

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 05:23 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 05:23 PM (IST)
कोरोना काल में बेहतर काम करने वाले सौ ग्रामीण 
चिकित्सक सम्मानित
कोरोना काल में बेहतर काम करने वाले सौ ग्रामीण चिकित्सक सम्मानित

बिहारशरीफ। स्थानीय बाजार स्थित एक सभागार में ग्रामीण चिकित्सकों का सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस सभा का आयोजन चिकित्सक सेवा सरंक्षण के द्वारा किया गया। सभा का मुख्य उद्देश्य कोरोना काल में मानवता की रक्षा करने में, ग्रामीण चिकित्सकों का बहुत बड़ा योगदान है। रक्षा और प्राथमिक उपचार की भावना को देखते हुए सर्वोच्च मानव अधिकार संरक्षण के तरफ से इस्लामपुर, बेन, परवलपुर, राजगीर, राहुई, एकंगरसराय, विभिन्न प्रखंडों में कार्य कर रहे ग्रामीण चिकित्सकों लगभग एक सौ ग्रामीण चिकित्सक सम्मानित किए गए। सम्मानित होने वाले चिकित्सक सहदेव प्रसाद, सुनील कुमार, मिथिलेश कुमार, विजय कुमार, संजय श्रीवास्तव, मंजू कुमारी, संतोष चौहान, मुरारी तांती, राकेश कुमार, पंकज कुमार, सुबोध कुमार आदि लोग थे। इस सभा का उद्घाटन मुख्य अतिथि सर्वोच्च मानवाधिकार बिहार इकाई के सचिव जितेंद्र कुमार पाठक, उषा सिन्हा, वरिष्ठ अधिवक्ता उच्च न्यायालय पटना रघुवंश मिश्रा, राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद शमशाद आलम चिकित्सा सेवा संरक्षण बिहार इकाई पीपी सिन्हा, चिकित्सा पदाधिकारी अरविंद पंडित एवं संतोष कुमार शर्मा के द्वारा सामूहिक दीप जलाकर किया गया। इस सभा का संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. जितेंद्र कुमार पाठक ने बताया कि ग्रामीण शिक्षक चिकित्सकों की भूमिका सराहनीय रहा है। अगर सरकार इन्हें सरकारी सेवा में लेती है तो बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था में तेजी से सुधार आएगी । ग्रामीण चिकित्सक का हर व्यक्ति के इलाज के लिए तत्पर रहते हैं। उषा सिन्हा ने बताया कि ग्रामीण चिकित्सकों को सरकार के द्वारा रोजगार दिलाने में अगर न्यायालय का दरवाजा भी खटखटा ना पड़ेगा तो मैं उनके साथ खड़ी रहूंगी। चिकित्सा सेवा संरक्षण के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुवंश मिश्रा ने कहा कि सरकार की यही ढुलमुल रवैया रही तो हम सभी ग्रामीण चिकित्सक सरकार के खिलाफ कोर्ट में जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज सरकार हम लोगों को टीवी प्रोवाइडर बनाकर एक छलावा कर रही है। बिहार में ग्रामीण चिकित्सकों के हित में काम कर रहे संगठनों को मिलाकर एक महासंघ का निर्माण किया गया है। जिससे ग्रामीण चिकित्सकों का आवाज बुलंद होगी। इस सभा में ग्रामीण चिकित्सकों ने सरकार के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप करते हुए कहा कि बिहार में 16000 ग्रामीण चिकित्सक प्रशिक्षित होने के बाद भी उपेक्षा के शिकार हैं। सरकार ग्रामीण चिकित्सकों से वादा किया था कि प्रशिक्षण के बाद सरकारी सेवा में काम लिया जाएगा। लेकिन पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी कोई परिणाम नहीं निकल सका।

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