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छठ के पहले निगम को याद आया इमादपुर तालाब, यहां सालों भर गिरता है नाले का पानी, कैसे देंगे अ‌र्घ्य

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : जिस इमादपुर छठ घाट पर अस्ताचलगामी व उदीयमान सूर्य को हजारों लोग अ‌र्

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 10:48 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 10:48 PM (IST)
छठ के पहले निगम को याद आया इमादपुर तालाब, यहां सालों भर गिरता है नाले का पानी, कैसे देंगे अ‌र्घ्य
छठ के पहले निगम को याद आया इमादपुर तालाब, यहां सालों भर गिरता है नाले का पानी, कैसे देंगे अ‌र्घ्य

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : जिस इमादपुर छठ घाट पर अस्ताचलगामी व उदीयमान सूर्य को हजारों लोग अ‌र्घ्य देते हैं। उस तालाब में सालों भर इमादपुर व छज्जु मोहल्ले के घरों का गंदा पानी गिरता रहता है। आज तक नाले के पानी को डायवर्ट करने या जल शुद्धिकरण संयंत्र लगाने की पहल नहीं की गई। जबकि कहने के लिए बिहारशरीफ शहर को स्मॉर्ट बनाने के लिए 46 योजनाएं बनी हैं और उनपर 1350 करोड़ रुपए खर्च होने हैं।

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बहरहाल, आ रहे छठ पर्व के मद्देनजर पिछले साल की तरह इस साल भी इमादपुर तालाब की सुध नगर निगम ने एक बार ले ली है। सोमवार को नगर आयुक्त सौरभ जोरवाल इमादपुर छठ घाट की स्थिति देखने पहुंचे। वे तालाब में जलकुंभी और बदबू दे रहा काला पानी देख हैरान रह गए। साथ रहे स्वास्थ्य निरीक्षक परमानंद प्रसाद व सफाई निरीक्षक चन्द्रशेखर प्रसाद ¨सह को निर्देश दिया कि वे तीन दिनों के अंदर इमादपुर तालाब से जेसीबी लगाकर जलकुंभी निकलवा दें। उन्होंने इमादपुर तालाब के दोनों तरफ पिलर गाड़ने को भी कहा।

निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त का ध्यान तालाब का गंदा पानी निकालने या उसकी प्रोसे¨सग कर साफ करने की ओर नहीं गया। ऐसे में इस साल भी गंदे पानी में ही लोग अ‌र्घ्य देने को विवश होंगे। अम्बेर व नई सराय मोहल्ले के कई लोगों ने कहा कि इस तालाब की धार्मिक महत्ता को देखते हुए इसकी साफ-सफाई व सौदर्यीकरण की स्थायी व्यवस्था होनी चाहिए। ऐसा उपाय किया जाना चाहिए कि इस तालाब में नाले-नालियों का गंदा पानी न गिरे।

नगर निगम क्षेत्र में हैं 9 घाट, सबकी हालत एक समान

यहां बता दें कि नगर निगम क्षेत्र में 9 छठ घाट हैं, जहां छठव्रती भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य देने आते हैं। इनमें सूर्य मंदिर आशा नगर घाट, बसारबिगहा घाट, बाबा मणिराम अखाड़ा घाट, रामचन्द्रपुर शिवपुरी घाट, धनेश्वरघाट, आशा नगर धोबी टोला घाट, इमादपुर घाट, लोहगानी घाट तथा बिहार क्लब घाट शामिल है। पूरे साल सभी घाटों की स्थिति लगभग एक समान रहती है। इन घाटों की सुधि नगर निगम साल में मात्र एक बार छठ के दौरान लेता है।


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