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भगवान श्रीकृष्ण ने मानव को जीवन जीना सिखाया

नालंदा। स्थानीय बिहारशरीफ के मोगलकुआं मोहल्ले में रविवार को राष्ट्रीय नाई महासभा कार्यालय में नालन्दा के साहित्यकार तथा राष्ट्रीय नाई महासभा के तत्वावधान में भगवान श्रीकृष्ण की जयंती समारोह मनाई गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 11:30 PM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 11:30 PM (IST)
भगवान श्रीकृष्ण ने मानव को जीवन जीना सिखाया
भगवान श्रीकृष्ण ने मानव को जीवन जीना सिखाया

नालंदा। स्थानीय बिहारशरीफ के मोगलकुआं मोहल्ले में रविवार को राष्ट्रीय नाई महासभा कार्यालय में नालन्दा के साहित्यकार तथा राष्ट्रीय नाई महासभा के तत्वावधान में भगवान श्रीकृष्ण की जयंती समारोह मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता साहित्यकार हरिश्चन्द प्रियदर्शी तथा समारोह का संचालन राष्ट्रीय नाई महासभा के प्रदेश सचिव विनय कुमार आलोक ने किया। इस मौके पर राष्ट्रीय नाई महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि भारत में अनेक प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं। कुछ त्योहार ऋतु परिवर्तन के समय बनाए जाते हैं तो कुछ त्यौहार महापुरुषों के जन्मदिन या महत्वपूर्ण घटनाओं का स्मरण कराते हैं। समारोह के मुख्यअतिथि कवि हरिश्चंद्र प्रियदर्शी ने कहा कि पांडवों तथा कौरवों के महायुद्ध में पांडवों, अच्छाई के प्रतिक पांडवों का साथ दिया। युद्ध में ही कर्तव्य से उदासीन होते अर्जुन को गीता का अमर उपदेश देकर सच्चे ज्ञान की दीक्षा दी। जीवन भर सत्य और धर्म-संस्कृति की रक्षा के लिए अधर्मियों से संघर्ष करते रहे। धर्म रक्षा के लिए कई युद्ध किए और लोगों के बीच शांति बनाए रखी। एक आदर्श मित्र,आदर्श भाई,आदर्श पुत्र,आदर्श प्रेमी,आदर्श शिष्य और एक आदर्श गुरु की भूमिका कर्मयोगी श्रीकृष्ण ने अच्छी तरह निभाई।

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समारोह में साहित्यकार डॉ.लक्ष्मी कांत ¨सह ने कहा कि श्रीकृष्ण एक विचार धारा का नाम है। जिसमें भारत का सनातनी दर्शन का ¨चतन मिलता है। भारत वर्ष में राम आदर्श हैं और श्रीकृष्ण हमारा यथार्थ हैं। उन्हें सम्पूर्ण अवतार माना जाता है। राष्ट्रीय नाई महासभा के प्रदेश सचिव विनय कुमार आलोक ने कहा की श्री कृष्णजन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्स्व है। जन्माष्टमी भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी इसे पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। इस अवसर पर नालन्दा नाट्य संघ के अध्यक्ष संगीतज्ञ गीतकार रामसागर राम तथा नाल वादक लक्ष्मी चंद्र आर्य ने भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप का चित्रण अपने संगीत के माध्यम से श्याम चूड़ी बेचने आया, यशोमति मइया से बोले नन्दलाला, श्रीकृष्ण गो¨वद हरे मुरारे आदि मनमोहक गीत और संगीत की मधुर स्वर लहरियों के साथ लोगों को खूब मनोरंजन कर मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान नाई संघ के जिला उपाध्यक्ष सुधीर कुमार, फिल्मकार एसके अमृत, अखिलेश कुमार, धीरज कुमार, शम्भू शरण प्रसाद, अमित कुमार, बिनोद कुमार, जितेंद्र सिन्हा, कमलेश पासवान, कुमार अमिताभ, अधिवक्ता अजय कृष्ण, विशुनदेव कुमार, धनंजय कुमार, शिवेंद्र कुमार, अजित कुमार मिश्रा आदि लोग मौजूद थे।


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