दूषित पानी पीने से 16 बच्चे बीमार
पेज पांच ़फोटो : 23-सूचना मिलते ही प्रशासन में मची हड़कंप -एसडीओ ने की मामले की जांच -----------
पेज पांच ़फोटो : 23-सूचना मिलते ही प्रशासन में मची हड़कंप
-एसडीओ ने की मामले की जांच
--------------------------संवाद सूत्र, सिलाव : सिलाव प्रखंड के बड़ाकर पंचायत के उर्दू उत्क्रमित मध्य विद्यालय में रविवार को झागभरा पानी पीने से दर्जनों बच्चे के पेट दर्द व माथा दर्द की शिकायत के बाद आनन-फानन में 16 बच्चों को इलाज के लिए सिलाव पीएसी में भर्ती कराया गया। जहां पर चिकित्सक के द्वारा लगभग चार घंटों तक इलाज करने के बाद सभी बच्चे को सकुशल वापस भेज दिया गया । सिलाव पीएसी प्रभारी डॉ अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि आज 16 बच्चे पवन कुमार, भूपेश कुमार, सनी कुमार, सूरज कुमार, छोटू कुमार, राजू कुमार, जितेंद्र कुमार, गुलशन कुमार, नीतीश कुमार, अजित कुमार, संपा कुमारी, छोटी कुमारी, राधेश्याम कुमार, टुनि कुमार एवं विनय कुमार जो उर्दू उत्क्रमित मध्य विद्यालय के बच्चे थे, इलाज के लिए विद्यालय के प्राधानाध्यापक मिथलेश कुमार के साथ आया था। सभी को विद्यालय में लगा टंकी का पानी पीने के बाद माथा में दर्द एवं पेट में दर्द होने लगा था। प्राधानध्यापक मिथलेश कुमार ने बताया कि 2 सितम्बर रविवार को विद्यालय के कई बच्चे विद्यालय में लगा नल से पानी पिया था। जिससे झाग युक्त पानी आ रहा था। जिसका जानकारी मुझे बच्चों ने पानी पीने के बाद लगभग दस बजे दी। इधर एक साथ 16 बच्चों के बीमार होने की सूचना मिलते ही पूरे सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया।अभिभावक के साथ-साथ अनुमंडल से जिला तक के पदाधिकारियों में हड़कंप मच गया।आनन फानन में पदाधिकारी घटनास्थल पर जाकर निरीक्षण किया। निरीक्षण करने गए अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि सभी बच्चे सही सलामत हैं। एक बड़ी घटना होने से टल गया। बताया कि जांचोपरांत विद्यालय में लगा पेयजल टंकी में दवा का सि¨रज मिला है। जिसकी जांच की जा रही है। इस विद्यालय के सहायक शिक्षक सह सीआरसी अवधेश कुमार ने बताया कि जो दवा का सि¨रज टंकी में मिला है, वह वर्तमान में डाला गया है या पहले से ही है। यह कहना मुश्किल है क्योकि लगभग छह माह से टंकी का साफ-सफाई नहीं हुई है। पानी में झाग आने की शिकायत के बाद ही टंकी खोली गई है। हालांकि प्रखंड में इतना बड़ा हादसा के बाद भी सिलाव प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अंजू चौधरी के छुट्टी पर रहने के कारण प्रखंड शिक्षा विभाग के कोई भी अधिकारी इस घटना की सुध नहीं लिया।