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विज्ञान के चलते ही सामाजिक परिवेश में आया है बदलाब : बीडीओ

सैंकड़ों वर्ष का भारत और आज का भारत में काफी अंतर है। पहले विज्ञान की कमी थी जिससे लोगों को बीमारी से बचाव की व्यवस्था नहीं होने से हैजा प्लेग टीबी जैसे खतरनाक बीमारी से जूझना पड़ता था। लेकिन आज विज्ञान की तरक्की से इनको दूर कर दिया गया है। उक्त बातें सिलाव के बीडीओ डॉ अंजनी कुमार ने अतिउत्तम आदर्श एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी परिसर में भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी के द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में ल्प्ग्ॅमल

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 11:05 PM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 06:17 AM (IST)
विज्ञान के चलते ही सामाजिक परिवेश में आया है बदलाब : बीडीओ
विज्ञान के चलते ही सामाजिक परिवेश में आया है बदलाब : बीडीओ

सिलाव : सैंकड़ों वर्ष का भारत और आज का भारत में काफी अंतर है। पहले विज्ञान की कमी थी, जिससे लोगों को बीमारी से बचाव की व्यवस्था नहीं होने से हैजा, प्लेग, टीबी जैसे खतरनाक बीमारी से जूझना पड़ता था। लेकिन आज विज्ञान की तरक्की से इनको दूर कर दिया गया है। उक्त बातें सिलाव के बीडीओ डॉ अंजनी कुमार ने अतिउत्तम आदर्श एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी परिसर में भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी के द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में रविवार को कही। उन्होंने कहा कि जीवन में स्वच्छता अनिवार्य है। स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है इसकी सुरक्षा में सबों की हिस्सेदारी अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि आज सरकार के द्वारा स्वस्थ वातावरण के लिए पॉलीथिन को प्रतिबंध कर दिया गया है । हर जगह स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने वच्चों को बताया कि मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के अंतर्गत कुशल युवा केन्द्र के माध्यम से बच्चों का स्किल डेवलपमेंट का काम कराया जा रहा है। आपलोग भी स्किल डेवलप कर हुनर प्राप्त किए हैं और एक लक्ष्य प्राप्त किया है। कुछ करने के लिए प्लान करना है और आदर्श को अपनाकर जीवन में आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि आज लड़कियां भी लड़के से कम नहीं है यदि एक बच्ची पढ़ाई करती है तो वह दो घर को खुशहाल बनाती है।भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी के डॉ अशोक कुमार एवं डॉ संतोष कुमार ने बताया कि अक्टूबर माह विश्व रक्तदान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस प्रकार के शिविर का आयोजन का मुख्य उद्देश्य है कि 2020 तक वोलेंटरी ब्लड रिप्लेसमेंट की व्यवस्था स्थापित हो। इसके लिए लोगों में जागृति पैदा की जा रही है कि प्रत्येक स्वस्थ्य व्यक्ति कम से कम छह माह में एक बार अपना ब्लड को डोनेट करें।इस अवसर पर बीडीओ एवं नालन्दा थानाध्यक्ष शशिरंजन ने इस सेंटर से प्रशिक्षण प्राप्त किए छात्र-छात्राओं को सर्टिफिकेट एवं एक एक पौधा वितरण किया गया । इस शिविर में 15 से अधिक लोगों ने अपना रक्तदान किया। इस अवसर पर मुकेश सिंह, डॉ रणधीर कुमार, डॉ अशोक कुमार, डॉ संतोष कुमार, एनएम ज्योति कुमारी, फूलवंती कुमारी, अनुपम पंडित, दिनेश कुमार, धर्मेंद्र कुमार, पूर्व सीओ सुभाष प्रसाद आदि लोग शामिल थे।

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