उच्च शिक्षा के लिए 1107 आवेदकों को दी जा चुकी है 33 करोड़ : डीएम
नालंदा । आज के युवा उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए लालायित रहते हैं। लेकिन उनके परिवार की आर्थिक
नालंदा । आज के युवा उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए लालायित रहते हैं। लेकिन उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण चाहते हुए भी आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख पाते हैं। ऐसे विद्यार्थी जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब है और चाहते हुए अपने बच्चे को उच्च शिक्षा नहीं दिलाते पाते हैं उनके लिए सरकार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लेकर आई है। यह बातें सोमवार को जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने कही। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के क्रियान्वयन में नालंदा जिला पूरे राज्य में अव्वल है। सरकार की मंशा है कि उच्च शिक्षा का नामांकन दर राज्य में 14 है इसे बढ़ाकर 30 फीसद तक लाना है। डीएम ने बताया कि वर्ष 2018 से 21 तक उच्च शिक्षा लेने वाले सवा दो लाख विद्यार्थियों को सरकार कम ब्याज पर उच्च शिक्षा के लिए ऋण देने की योजना बनाए हुए है। इसमें से वर्ष 2018-19 में 50 हजार, 2019-20 में 75 हजार 2020-21 में 01 लाख विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए योजना के तहत ऋण मुहैया कराया जाएगा। इस योजना के तहत बैंकों द्वारा अनावश्यक विलंब होते देख राज्य सरकार ने राज्य शिक्षा वित्त निगम का गठन किया है। अब इस निगम के द्वारा ही विद्यार्थियों को आगे उच्च शिक्षा के लिए ऋण उपलब्ध होगा।
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स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत नालंदा जिला में 1107 आवेदकों के बीच उच्च शिक्षा के लिए 33 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है। यहीं कारण है कि जिला पूरे राज्य में योजना के क्रियान्वयन में अव्वल स्थान पर कई वर्षो से लगातार रहा है। इस योजना का लाभ ऐसे विद्यर्थियों को दी जा रही है जो मेधावी होते हुए आर्थिक रूप से कमजोर है और उनके पास उच्च शिक्षा के लिए धनराशि नहीं है।
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स्वयं सहायता भत्ता योजना
सात निश्चय कार्यक्रम तहत शुरू की गई राज्य सरकार की दूसरी महत्वपूर्ण योजना स्वयं सहायता भत्ता योजना है। इस योजना का लाभ उठा कर विद्यार्थी मिलने वाले प्रति महीने निर्धारित एक हजार रुपए से नौकरी आदि के लिए गरीब तबके के मेधावी छात्र अप्लाई कर रहे हैं। इस योजना के तहत जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र में 24 हजार विद्यार्थियों का निबंधन हुआ है। इस निबंधित आवेदकों में से 9433 को नौकरी आदि के लिए आवेदन भरने के लिए सरकार धनराशि उपलब्ध करा चुकी है। इस योजना के तहत दो वर्ष तक आवेदकों को नौकरी की तलाश करने व आवेदन भरने के लिए राशि उपलब्ध कराती है। अब तक जिले के निबंधित 9433 विद्यार्थियों के बीच नौकरी के तलाश में पैसे की कमी रोड़ा न बने इसके लिए 07 करोड़ रुपए उपलब्ध करा चुकी है।
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कुशल युवा कार्यक्रम से हो रहे युवा हुनरमंद
बेराजगार युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए सरकार कुशल युवा कार्यक्रम पूरे राज्य में चला रही है। इस योजना का लाभ लेने के लिए अब तक जिले के 13,237 बेराजगार युवा निबंधन करा चुके हैं। इसके पूर्व भी जिले में 10,631 निबंधित युवाओं स्व:रोजगार परक बनाने के लिए तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इनके से हजार से उपर कल तक बेरोजगार रहे युवा विभिन्न संस्थानों में नियोजित हो चुके हैं। इस समय वर्तमान में 2454 विविध का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इन्हें 240 घंटे की कठिन प्रशिक्षण दी जा रही है। ताकि वे अपने जीवन में जिस हुनर का प्रशिक्षण प्राप्त किए हैं उनमें फेल न हो और कामयाबी इनके कदम चूमे। इस योजना के तहत बेरोजगार निबंधित पढ़े-लिखे युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए जिले में 58 कुशल युवा प्रशिक्षण केंद्र कार्यरत है।
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कहते हैं पदाधिकारी
इन योजनाओं की जानकारी सभी विद्यार्थियों को हो इसके लिए जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र को निर्देश दिया गया है कि वे स्कूलों, कॉलेजों, को¨चग संस्थानों तथा प्रखंडों में जाकर जागरूकता कार्यक्रम चलाएं। ताकि विद्यार्थी इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ उठा सके। इसका सीधा फायदा यह होगा कि राज्य में शिक्षा का दर बढ़ेगा। कल तक बेरोजगार रहे युवा जो गलत कदम उठाने को मजबूर हैं उन्हें स्वरोजगार का अवसर प्रदान होगा और देश के अच्छे नागरिक में उनकी गिनती होने लगेगी। उनका सम्मान घर तथा बाहर होने लगेगा। कल तक बेराजगारी का दंश झेल रहा युवा प्रशिक्षण के बाद कमाऊं पूत कहलाने लगेगा ।
डॉ. त्यागराजन एसएम, जिलाधिकारी नालंदा