Move to Jagran APP

क्रिकेट में नहीं दिखी संभावना तो शुरू की पढ़ाई बन गए डीएसपी

नालन्दा जिला के नगरनौसा निवासी पूर्व मुखिया सुरेश प्रसाद यादव के पुत्र अनुराग कुमार का चयन बिहार पुलिस सेवा में डीएसपी पद के लिए हुआ है। अनुराग सुरेश प्रसाद एवं शांति देवी का सबसे छोटा पुत्र है जो इस मुकाम को हासिल कर बिहार में नालन्दा का नाम रौशन किया है। उन्होंने बीपीएससी की 63 वीं परीक्षा में दूसरा स्थान लाकर शिक्षा के क्षेत्र में नालन्दा का लोहा मनवाया है। इस सफलता से नगरनौसा में खुशी का माहौल है। बधाई देने वालों का तांता लगा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 10:45 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 06:10 AM (IST)
क्रिकेट में नहीं दिखी संभावना तो शुरू की पढ़ाई बन गए डीएसपी
क्रिकेट में नहीं दिखी संभावना तो शुरू की पढ़ाई बन गए डीएसपी

बिहारशरीफ : नालन्दा जिला के नगरनौसा निवासी पूर्व मुखिया सुरेश प्रसाद यादव के पुत्र अनुराग कुमार का चयन बिहार पुलिस सेवा में डीएसपी पद के लिए हुआ है। अनुराग सुरेश प्रसाद एवं शांति देवी का सबसे छोटा पुत्र है जो इस मुकाम को हासिल कर बिहार में नालन्दा का नाम रौशन किया है। उन्होंने बीपीएससी की 63 वीं परीक्षा में दूसरा स्थान लाकर शिक्षा के क्षेत्र में नालन्दा का लोहा मनवाया है। इस सफलता से नगरनौसा में खुशी का माहौल है। बधाई देने वालों का तांता लगा है। अनुराग के घर में हमेशा राजनीति की गरमाहट होती थी। क्योंकि स्थानीय राजनीति इनके पिता के गिर्द ही घूमती है। अनुराग पर इसका असर यह रहा कि इनमें नेतृत्व करने की क्षमता तो विकसित हुई पर राजनीति की तरफ न मुड़े। न ही पढ़ाई पर ध्यान दिया। वर्ष 2007 में एकंगरसराय से मैट्रिक पास करने के बाद इन्होंने पढ़ाई ड्राप कर दिया। पढ़ाई में होशियार होने के वाबजूद क्रिकेट को करियर बनाने की दीवानगी थी। सो उसी में पिल पड़े। लेकिन बिहार में क्रिकेट संघ को लेकर चल रहा राजनीतिक टकराहट और संघ को मान्यता न मिलता देख इन्होंने इससे भी मुंह मोड़ लिया। फिर से पढ़ाई शुरू की। कुछ महीने राजस्थान के कोटा शहर में जाकर इंजीनियरिग इंट्रेंस की तैयारी की। यहां क्रिकेट के खेल में विकसित प्रतिस्पर्धा की भावना काम आयी। इंजीनियरिग का इंट्रेंस पास कर एनआईटी बारंगल में दाखिला लिया। वर्ष 2016 में इंजीनियरिग पास आउट हो सिविल सेवा में जाने के लिये दिल्ली जाकर तैयारी में जुट गए। 27 वर्षीय अनुराग ने दैनिक जागरण को बताया कि परिश्रम करने वालों को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। वे कहते हैं कि बिहार में ही लोगों की सेवा करना चाहता था। इसलिये बीपीएससी की परीक्षा पास करने का लक्ष्य तय कर रखा था। अपनी सफलता का श्रेय इन्होंने अपने पैरेंट्स को दिया। क्योंकि इनके मातापिता ने हमेशा इन्हें अपने पसंद की करियर बनाने में सहयोग किया। अनुराग के पिता आर्थिक रूप से सम्पन्न रहे हैं। प्रखण्ड व जिला स्तरीय राजनीति में भी एक पहचान रखते हैं। अनुराग का बड़ा भाई सुजीत कुमार नगरनौसा पैक्स के अध्यक्ष हैं। बड़ी बहन अनिता कुमारी रेल सुरक्षा बल में इंस्पेक्टर हैं। छोटी बहन सरिता कुमारी प्राइमरी स्कूल टीचर हैं। अनुराग बताते हैं कि मैं पुलिस सेवा में अपने नेतृव क्षमता का इस्तेमाल करूंगा। बेहतर पुलिसिग की इच्छा मन मे शुरू थी। पुलिस को लोगों के करीब ले जाने की कोशिश करूंगा।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.