आवंटित दुकानों का साइज छोटा करने के विरोध में प्रदर्शन
जागरण संवाददाता बिहारशरीफ रामचंद्रपुर स्थित बाजार समिति के फल व सब्जी व्यवसायी सात सूत्री रामचंद्रपुर स्थित बाजार समिति के फल व सब्जी व्यवसायी सात सूत्री मांगों को लेकर शुक्रवार को एक दिवसीय हड़ताल पर रहे। दुकानें बंदकर मुख्य गेट पर प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ: रामचंद्रपुर स्थित बाजार समिति के फल व सब्जी व्यवसायी सात सूत्री मांगों को लेकर शुक्रवार को एक दिवसीय हड़ताल पर रहे। दुकानें बंदकर मुख्य गेट पर प्रदर्शन किया। जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
व्यवसायियों ने बताया कि कृषि उत्पादन बाजार समिति प्रांगण में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड की ओर से स्मार्ट सिटी अंतर्गत निर्माण व जीर्णोद्धार कार्य कराया जा रहा है। जीर्णोद्धार व निर्माण के नाम पर बाजार समिति में जो दुकानें बन रही हैं। वह 10 गुणा 15 फीट यानी 150 स्क्वायर फीट में ही बनाने की बात कही जा रही है। ऐसे में थोक व्यापार करने वालों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। उन्हें अपने कृषि संबंधित उत्पाद रखने की जगह ही नहीं रह पाएगी। इससे आढ़तियों समेत सैकड़ों कामगार व छोटे किसानों के समक्ष बड़े स्तर पर बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न होगी।
फल सब्जी आढ़तिया बाजार समिति के अध्यक्ष उमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि यह एक दिन का सांकेतिक हड़ताल है। जिसमें किसानों को पहले से ही सूचित कर दिया गया था कि वह अपना कृषि उत्पाद लेकर 28 जनवरी के दिन बाजार समिति नहीं आएं, ताकि नुकसान न उठाना पड़े। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत जो कार्य चल रहे हैं हम उसका विरोध नहीं करते हैं। जो दुकानें और गोदाम आवंटन के तौर पर दिए जा रहे हैं उसका साइ•ा काफी छोटा है। ऐसे में उनके सामने कृषि उत्पादन भंडारण एवं उसकी बिक्री करने को लेकर समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसी के विरोध में हम व्यवसायियों ने प्रदर्शन कर रहे हैं। जिला प्रशासन से आवंटित दुकान और गोदामों का साइज बढ़ाने की मांग की। ताकि आढ़तियों को अपने भंडारण का समुचित जगह मिल पाए। इस मंडी में जो भी आढ़ती है वो लगभग 40 साल से 42 साल पूर्व से रहकर अपना रोजगार चला रहे हैं।
एक दिन की बंदी से 15 करोड़ का कारोबार प्रभावित
व्यवसायियों ने कहा कि एक दिन की बंदी से करीब 15 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है। आसपास के नवादा, शेखपुरा, जहानाबाद, अरवल जिले में जाने वाली सब्जियां व अन्य कृषि उत्पाद आज बंदी के कारण नहीं पहुंच पाया। इससे आम लोगों को भी परेशानी हुई।