70 फीट ऊंची बन रही बुद्ध प्रतिमा की नाव से कर सकेंगे परिक्रमा
बिहारशरीफ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज राजगीर के घोड़ाकटोरा झील में महात्मा बुद्ध की 70 फीट ऊंची बन रही प्रतिमा के निर्माण कार्य का मुआयना किया। इस दौरान झील के पास आगंतुकों के लिए बने टॉयलेट एवं पेयजल व्यवस्था के बारे में भी जानकारी ली।
बिहारशरीफ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज राजगीर के घोड़ाकटोरा झील में महात्मा बुद्ध की 70 फीट ऊंची बन रही प्रतिमा के निर्माण कार्य का मुआयना किया। इस दौरान झील के पास आगंतुकों के लिए बने टॉयलेट एवं पेयजल व्यवस्था के बारे में भी जानकारी ली। इसके बाद वॉच टावर पर चढ़कर भगवान बुद्ध की स्थापित हो रही प्रतिमा के आसपास के इलाकों का अवलोकन किया। उन्होंने झील के बीच में भगवान बुद्ध की प्रतिमा की परिक्रमा नाव से करने की व्यवस्था करने को कहा। कहा कि झील के अंदर पानी का स्त्रोत है इसलिए ब्रिज के लिए पीलर नहीं बनाएं। इससे जल स्त्रोत बाधित होगा। सीएम ने झील के दोनों तरफ पाथ वे बनाने को कहा ताकि इको टूरिज्म के तौर पर विकसित किए गए क्षेत्र में लोग बराबर सतह पर पैदल भी घूम सकें।
मौके पर ये लोग थे मौजूद : इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार, ग्रामीण कार्य एवं नालंदा जिले के प्रभारी मंत्री शैलेश कुमार, सांसद कौशलेंद्र कुमार, विधायक रवि ज्योति, मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार ¨सह, राज्य योजना पार्षद के सदस्य संजय झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, प्रधान सचिव पर्यटन रवि मनु भाई परमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल ¨सह, राज्य पर्यटन विकास निगम की प्रबंध निदेशक इनायत खान सहित पर्यटन विभाग के अन्य अधिकारी एवं अभियंतागण, पटना के पुलिस उप महानिरीक्षक राजेश कुमार, डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम, एसपी सुधीर कुमार पोरीका उपस्थित थे।
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सुबह 8.30 बजे ही घोड़ाकटोरा पहुंच गया सीएम का काफिला
- खुद नियम का पालन कर बैटरी चालित वाहन से गए मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष व अन्य
संवाद सहयोगी, राजगीर : राजगीर प्रवास के दूसरे दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार की अल सुबह लगभग साढ़े 8 बजे ही इको टूरिज्म के लिए ख्यात घोड़ाकटोरा पहुंच गए। जैसे ही उनका काफिला रोप वे परिसर स्थित घोड़ाकटोरा के मुख्य प्रवेश द्वार पर पहुंचा वहां उपस्थित जिला वन पदाधिकारी डॉ. नेशामणि व पर्यटन निगम के अफसरों ने बुके देकर सीएम का स्वागत किया। इसके बाद सीएम कार से उतर गए और घोड़ाकटोरा पहुंचने के लिए बने नियम का खुद पालन करते हुए बैटरी चालित ऑटो पर बैठ गए। उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी तथा अन्य दिग्गज नेता भी थे। पीछे-पीछे अंगरक्षकों का दल तथा अधिकारियों की टीम थी। बता दें कि घोड़ाकटोरा जाने के लिए पेट्रोल या डीजल से चलने वाले वाहनों के प्रवेश पर रोक है। बहरहाल, रोप वे परिसर से घोड़ाकटोरा की 7 किमी यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री पहाड़ियों से घिरे प्राकृतिक दृश्यों का अवलोकन करते चल रहे थे। उनके चेहरे की खुशी बता रही थी कि घोड़ाकटोरा को इको टूरिज्म स्पॉट के तौर पर विकसित कर उन्होंने सही फैसला किया है। घोड़ाकटोरा में पहाड़ियों के बीच की प्राकृतिक झील में बन रही भगवान बुद्ध की प्रतिमा को देख सीएम ने कहा कि अब यह स्थान भी बौद्ध सर्किट से जुड़ जाएगा जो आने वाले दिनों में बौद्ध तीर्थ यात्रियों के लिए एक आध्यात्मिक स्थल के रुप में शुमार होगा।
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हरियाली बनाए रखने के लिए पहाड़ी ढलानों पर अपनायी जा रही रेन हार्वे¨स्टग तकनीक :
जिला वन पदाधिकारी ने बताया कि घोड़ाकटोरा के पर्वतीय ढलानों पर समुचित हरियाली बनाये रखने के लिए रेन हार्वे¨स्टग तकनीक अपनायी जा रही है। कहा कि इन पहाड़ियों की ढलान 30 डिग्री तक झुकाव वाली स्थिति में है। पहाड़ियों को सालों भर हरा-भरा रखने के लिए इनकी ढलानों पर रेन हार्वे¨स्टग स्ट्रक्चर के निर्माण के तहत छोटी-छोटी दीवार बनायी गई है ताकि वर्षा के पानी का ठहराव होने से इन ढलानों पर नमी बरकरार रहे और पेड़-पौधों की हरियाली सालों भर बनी रहे। उन्होंने कहा कि झील के चारों ओर किनारों पर स्थित ढलानों को बगीचे के तौर पर विकसित करने की भी योजना है। इस जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि घोड़ाकटोरा पहाड़ी व झील यात्रा भविष्य में एक रोमांचक व मनोहारी यात्रा मानी जाएगी जो अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन नगरी राजगीर को एक नया आयाम देगा।