भाजपा शराबबंदी के पक्ष में है, पर तुगलगी कानून पर आपत्ति : राजीव रंजन
नालंदा। भाजपा शराबबंदी का समर्थन करती है पर तुगलकी कानून के पक्ष में नहीं है। इस तुगलकी श्
नालंदा। भाजपा शराबबंदी का समर्थन करती है पर तुगलकी कानून के पक्ष में नहीं है। इस तुगलकी शराब कानून लागू करने से पहले सरकार को लोगों से राय लेनी चाहिए थी लेकिन सरकार ने एक तरफा निर्णय लेकर शराबबंदी का नया खेल खेला है। यह बातें गुरुवार को इस्लामपुर के पूर्व विधायक राजीव रंजन ने प्रेस वार्ता में कहीं। उन्होंने कहा कि सरकार के कथनी व करनी में काफी मतभेद है। एक तरफ सरकार ने शराबबंदी का काला कानून लागू कर दिया जिसे हाईकोर्ट ने इसे भयावह कानून का दर्जा दिया। रंजन ने कहा कि राज्य सरकार 18 शराब व बीयर बनाने वाली कंपनी को लाइसेंस नवीनीकरण कर दिया और आदेश दिया कि शराब को दूसरे प्रदेश में भेजकर खूब पिलाओ। सरकार मानती है कि यहां की शराब को दूसरे जगह भेजना गलत नहीं है। इसलिए सरकार ने इसे और छूट देकर टैक्स फ्री कर दिया। एक तरफ दूसरे प्रदेश में शराब भेजते हैं और वहां जाकर शराबबंदी का भाषण देते हैं। सरकार की इस दोरंगी नीति को यहां की जनता समझ नहीं पा रही है। उन्होंने कहा कि शराब बनाने वाली फैक्ट्री पर यदि टैक्स फ्री नहीं करते तो कई हजार गरीबों का उत्थान हो गया होता। सरकार ने शराब को टैक्स फ्री कर दिया और समोसा से लेकर अन्य सामग्री पर टैक्स लगा दिया। पिछले 11 सालों से हर चौक-चौराहों पर शराब की दुकान खोलकर हर नागरिक को शराब की लत लगा दी और अब कहते हैं कि शराब घर में मिलने पर पीने वालों के साथ बहू-बेटी भी जेल जाएंगे। श्री रंजन ने कहा कि 11 साल में जिन लोगों ने 20-22 फीसद नौजवानों को शराबी बनाया आज उसकी जवाबदेही कौन लेगा। आखिर इन लोगों को आदतन बनाने वाला कौन है। इन पर क्या कार्रवाई होनी चाहिए। सरकार ने बिहार किसी से राय लिए ही शराबबंदी का कठोर कानून लागू कर दिया। चुकी वे पिछले 15 सालों से चुनाव नहीं लड़े हैं इसलिए उन्हें जनता की भावना के बारे में जानकारी ही नहीं है। इस मौके पर पूनम पासवान, डा. रामनरेश प्रसाद आदि उपस्थित थे।