बीडीओ के हड़ताल पर जाने से प्रखंड कार्यालय में कामकाज प्रभावित
नालंदा । सरकार की अनुसनी से आक्रोशित प्रखंड विकास पदाधिकारी शुक्रवार से सामूहिक हड़ताल पर चले गए। ग्
नालंदा । सरकार की अनुसनी से आक्रोशित प्रखंड विकास पदाधिकारी शुक्रवार से सामूहिक हड़ताल पर चले गए। ग्रामीण विकास सचिव से मिले आश्वासन के बाद भी वेतन विसंगति में सुधार नहीं किए जाने से बीडीओ आक्रोशित थे। इस आशय की सूचना करीब एक सप्ताह पूर्व सरकार को भी दे दी गई थी। लेकिन विसंगतियों को दूर करने की बजाए सरकार की खामोशी ने अधिकारियों के गुस्से को और भी बढ़ा दिया। बीडीओ का कहना है कि ग्रामीण विकास विभाग ने बिहार ग्रामीण विकास सेवा नियमावली 2010 के निर्माण में राजपत्रित शब्द अंकित नहीं करने की गलती की। इस गलती की जब महालेखाकार को सूचना दी गई तो विभाग ने सेवा को ही अराजपत्रित घोषित कर दिया। जिसका खामियाजा बीडीओ को भुगतनी पड़ रही है। इस संदर्भ में बिहार ग्रामीण विकास सेवा संघ के अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने कहा कि वेतन विसंगति को दूर करने के लिए कई बार सचिव स्तरीय बार वार्ताएं हो चुकी है। लेकिन कुछ भी हल नहीं निकाला जा सका। कहा कि इस मामले में विभाग की चुप्पी समझ से परे है। शायद उनकी मंशा मूल सेवा भावना को कमजोर करना है। कहा कि पूरी तन्मयता के साथ काम करने वाले बीडीओ कब तक सरकार के झूठे आश्वासन के बीच काम करते रहेंगे।
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बीडीओ की प्रमुख मांगे
- सेवा नियामवाली में सुधार,
- सातवें वेतनमान के अनुसार स्केल नौ दिया जाना,
- मनरेगा के कार्यों को बीडीओे को सौंपा जाना,
- व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए बॉडी गॉर्ड की मांग
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हड़ताल से प्रखंड कार्यालयों में छाया रहा सन्नाटा
बीडीओ के हड़ताल से प्रखंड कार्यालयों में सन्नाटा छाया रहा। विभिन्न प्रकार के विकास कार्य ठप रहें। वहीं पेंशन योजना, जीवन मृत्यु प्रमाण-पत्र, जैसी चीजों के लिए बीडीओ से मुलाकात को आने वाले लोगों को बैरंग लौटना पड़ा। बीडीओ के कार्यालय में पूरे दिन ताला लटका रहा। यदि बीडीओे से तत्काल वार्ता नहीं की गई तो प्रखंड की विकास योजनाएं पूरी तरह ठप हो जाएंगे।