अच्छी बारिश के बाद बिछडे़ की बुआई में जुटे किसान
नालंदा। दो दिनों से लगातार हो रही बारिश से खेतों में पानी का संचय किया जा रहा है। वही कि
नालंदा। दो दिनों से लगातार हो रही बारिश से खेतों में पानी का संचय किया जा रहा है। वही किसान खेतों में बिछडा डालने भी शुरू कर दिए है। हिन्दू परम्परा के अनुसार रोहणी नक्षत्र के धान का बुआई अधिक पैदावार का परिचायक है। मंगलवार व बुधवार को हुई मुसलाधार बारिश के बाद किसान खेतों में बिछड़ा डालना शुरू कर दिया है। बताया जाता है कि यह मौसम धान के लिए काफी उपयोगी साबित होगा। किसान इसी बारिश की प्रतीक्षा में अपने पलके बिछाए थे। इस परम्परा के तहत किसान आद्रा के प्रथम दिन खेतों में बिचडा डालने का शुभारंभ भी किया गया। इस अवसर पर किसान ढोल मंजीरा के साथ टोली में खेती संबंधित गीत गाकर लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। वहीं दूसरी ओर खेती में नई तकनीक के उपयोग और आधुनिक तरीके से खेती कर किसान अधिक मुनाफा कमा सकते है। उक्त बातें पौधा संरक्षण पदाधिकारी ने बुधवार को किसानों के बीच संगोष्ठी के दौरान कही। कार्यशाला में प्रखंड के सैकड़ों किसानों ने भाग लिया। किसानों को संबोधित करते हुए प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने कहा कि खेत में अधिक खाद या पानी देना अधिक पैदावार कि निशानी नहीं है बल्कि खेत की मिट्टी को प्रकृति के अनुसार ¨जक या अन्य खाद या जैविक खाद देने से ही अधिक पैदावार होती है। मिट्टी में अधिक खाद पानी देने से कभी-कभी नुकसान भी उठाना पड़ता है। प्रकृति का तापमान व मिट्टी की नमी धान के पौधे के लिए बहुत मायने रखती है। समयानुसार ही खेत में पानी या कंपोंनेंट देने से अधिक मुनाफा लिया जा सकता है। प्रखंड के उन्नीसों पंचायत के किसानों के धान की बुआई संबंधित भी जानकारी दी गयी। साथ ही 15 जून से 15 जुलाई तक अनुदानित दर पर धान के बिचडे उपलब्ध कराई जा रही है। ग्रामीण इलाके के किसान बिचडा उठाने लगे हैं।