संघर्ष विराम पर व्याख्यान देकर कंबोडिया से लौटे राजेश
बिहारशरीफ। नव नालंदा महाविहार डीम्ड विश्वविद्यालय नालंदा के पाली विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राजेश रंजन कंबोडिया में आयोजित अंतराष्ट्रीय बौद्ध संगोष्ठी से नालंदा लौट आए। यहां पहुंचने पर उनका पाली विभाग में गर्मजोशी से स्वागत किया गया ।
बिहारशरीफ। नव नालंदा महाविहार डीम्ड विश्वविद्यालय नालंदा के पाली विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राजेश रंजन कंबोडिया में आयोजित अंतराष्ट्रीय बौद्ध संगोष्ठी से नालंदा लौट आए। यहां पहुंचने पर उनका पाली विभाग में गर्मजोशी से स्वागत किया गया । कंबोडिया की राजधानी नामपेन्ह के फ्रा सिहानोराज बुद्धिस्ट यूनिवर्सिटी में आयोजित छह दिवसीय (तीन से आठ सितम्बर तक) अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संगोष्ठी में भाग लेने के लिए महाविहार के पाली विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रंजन कंबोडिया गए थे। वहां उन्होंने बुद्धि•ा्म इन साउथ ईस्ट एशियन विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में बौद्ध साहित्य में वर्णित संघर्ष विराम की युक्तियां विषयक व्याख्यान दिया। प्रोफेसर रंजन दूसरी बार कंबोडिया में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संगोष्ठी में भाग लेने के लिए नालंदा से गए थे। इसके पूर्व 2016 में भी वे भारतीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में भाग लेने के लिए कंबोडिया गए थे। उस समय प्रो. राजेश रंजन के अलावे नव नालंदा महाविहार के तत्कालीन कुलपति सह संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त सचिव एम एल श्रीवास्तव और महाविहार के शिक्षक राणा पुरुषोत्तम कुमार ¨सह भी गए थे। उस बौद्ध सम्मेलन का उद्घाटन बिहार के तत्कालीन राज्यपाल वर्तमान में राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद के कर कमलों से किया गया था।