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Sheohar News: डायबिटीज से बचने के लिए भागदौड़ वाली जीवनशैली में सुधार जरूरी

Sheohar News शिवहर शहर में सर्वाधिक मधुमेह के रोगी मधुमेह दिवस सप्ताह का हुआ समापन। अंतिम दिन बड़ी संख्या में लोगों की मधुमेह की मुफ्त जांच की गई। सीएस. डॉ. आरपी सिंह ने बताया क‍ि जीवनशैली में सुधार कर डायबिटीज से बच सकते हैं।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 01:50 PM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 01:50 PM (IST)
Sheohar News: डायबिटीज से बचने के लिए भागदौड़ वाली जीवनशैली में सुधार जरूरी
शिवहर शहर में मधुमेह दिवस सप्ताह का हुआ समापन

शिवहर, जागरण संवाददाता। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में जारी विश्व मधुमेह दिवस सप्ताह  का मंगलवार को  समापन हो गया। अंतिम दिन बड़ी संख्या में लोगों की मधुमेह की मुफ्त जांच की गई। वहीं 14  से 21 दिसंबर तक जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में शिविर का आयोजन कर हजारों लोगों के मधुमेह जांच की गई वहीं दवाएं दी गई।  सीएस. डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि देश में मधुमेह रोगियों की बढ़ती तादाद चिंता का विषय बनती जा रही है। युवा और बच्चे भी इसकी चपेट में रहे हैं। खानपान की गड़बड़ी, जंक फूड का सेवन, एक्सरसाइज की कमी, तनाव आदि डायबिटीज के प्रमुख कारण है।

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 इसी को ध्यान में रखते हुए डायबिटीज (मधुमेह) के प्रति लोगों में जनजागरूकता के लिए हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह (डायबिटीज) दिवस मनाया जाता है। जिसके तहत जिले में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। सिविल सर्जन ने कहा कि विश्व मधुमेह दिवस के मौके पर 14 नवंबर से 21 नवंबर तक एक सप्ताह मनाया जाता है, लेकिन इस बार दिवाली और छठ पर्व के चलते स्वास्थ्य विभाग द्वारा मधुमेह सप्ताह नवंबर में ना मना कर दिसंबर में मनाया जाएगा। जिसके तहत जिले में 14 दिसंबर से 21 दिसंबर तक जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में मुफ्त जांच सह चिकित्सा परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। 

 सिविल सर्जन ने बताया कि डायबिटीज से शहर में रहने वाले 18 से 20 फीसदी लोग पीड़ित हैं। जबकि गांव में आठ से 10 फीसदी लोग इसके चपेट में हैं। सबसे ज्यादा मधुमेह से ग्रस्त लोग शिवहर शहर में है। कुछ लोगों को तो यह बीमारी विरासत में मिली है, जबकि अधिकांश लोगों को यह बीमारी भागदौड़ वाली जीवनशैली और खानपान की गड़बड़ी से लग रही है। उन्होंने कहा कि मधुमेह को नियंत्रित रखने के लिए एक्सरसाइज (टहलना) जरूरी है। बताया कि, 

 गर्भवती महिलाओं इसका खतरा अधिक है। गर्भावास्था के दौरान डायबिटीज आम बात होती जा रही है। वर्तमान में डायबिटीज से काफी संख्या में महिलाएं पीड़ित हैं। कहा कि कोरोना महामारी के बीच डायबिटीज रोगियों को दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। सामान्य मरीजों के मुकाबले डायबिटीज रोगियों में निमोनिया, फेफड़ों में सूजन तथा संक्रमण होने पर स्थिति काफी बिगड़ सकती है। सिविल सर्जन के मुताबिक, डायबिटीज  मरीजों की रोगों से लड़ने की क्षमता सामान्य रोगियों के मुकाबले काफी कम होती है। इससे उनकी आंतों में सूजन तथा जलन बढ़ सकती है। सिविल सर्जन ने कहा कि मधुमेह से प्रभावित व्यक्ति अस्पताल में ओपीडी के समय मुफ्त जांच, परामर्श और दवाओं का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।


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