Year Ender 2019: बालिका गृह मामला साकेत कोर्ट में स्थानांरित होने को लेकर चर्चित रहा साल
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फरवरी में साकेत कोर्ट में स्थानांतरित किया गया था बालिका गृह मामला। नवरुणा मामले में नौवीं बार सीबीआइ को डेडलाइन। जानिए पूरे साल का हाल...
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीते साल बालिका गृह मामले की सुनवाई दिल्ली के साकेत कोर्ट में स्थानांतरित किए जाने का लेकर चर्चित रहा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फरवरी में यह मामला मुजफ्फरपुर के विशेष पॉक्सो कोर्ट से साकेत के विशेष पॉक्सो कोर्ट में स्थानांतरित किया गया था। संभवतया यह पहला मामला है जिसे सुनवाई के लिए कोर्ट के चयन में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया।
नवरुणा मामले की जांच पूरी नहीं कर पाई सीबीआइ
नवरुणा के सात साल पुराने मामले की जांच इस साल भी सीबीआइ पूरी नहीं कर पाई। सीबीआइ की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने उसे जांच पूरी करने को लेकर तीन माह का समय दिया है। नौवीं बार सीबीआइ को सुप्रीम कोर्ट से यह डेडलाइन मिली है। इस मामले में सीबीआइ की ओर से नवंबर में उस समय एक नया मोड़ आया जब सुराग देने वालों को दस लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई। सीबीआइ ने सार्वजनिक स्थानों पर पंपलेट चस्पा कर आम लोगों से सहयोग की अपील की।
दो बार पत्राचार के बाद उपस्थित हुए अधिकारी
पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में आरोपित पूर्व सांसद शहाबुद्दीन सहित आठ आरोपितों के खिलाफ विशेष कोर्ट में सत्र-विचारण शुरू हुआ। सीबीआइ की ओर से इस मामले में विशेष कोर्ट में साक्ष्य पेश करने की प्रक्रिया शुरू की गई। पिछले माह दिल्ली के बदले पटना सीबीआइ की टीम को साक्ष्य पेश करने की जिम्मेदारी मिली। इसके बाद लगातार कई तारीखों पर सीबीआइ की ओर से विशेष कोर्ट के समक्ष कोई उपस्थित नहीं हुआ। तब विशेष कोर्ट की ओर से सीबीआइ निदेशक को दो बार पत्र लिखा गया। फिलहाल पटना सीबीआइ की टीम के अधिकारी विशेष कोर्ट में उपस्थित हो चुके हैं।
पहली बार मिली शराब के धंधेबाज को सजा
शराबबंदी कानून के बाद विशेष कोर्ट से पहली बार शराब के धंधेबाज को सजा सुनाई गई। कटरा के नवादा निवासी संतोष कुमार मिश्र को शराब के धंधे का दोषी पाते हुए दस साल सश्रम कारावास व एक लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई। इससे पहले नशे की हालत में हंगामा मचाते कुख्यात अनिल ओझा को भी दस साल सश्रम कारावास व एक लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई।
यौन हिंसा के शिकार बच्चे व किशोरियों के लिए खास कोर्ट
इस साल की सबसे बड़ी उपलब्धि चाइल्ड फ्रेंडली कोर्ट का खुलना रहा। हाईकोर्ट के निरीक्षी जज न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार मिश्र ने 30 मार्च को इस कोर्ट का उद्घाटन किया। यौन ङ्क्षहसा के शिकार बच्चे व किशोरियों के लिए यह अपने तरह का खास कोर्ट है। इसमें पीडि़त टीवी स्क्रीन के समक्ष उनके बयान दर्ज कराई जाती है। इस कोर्ट को बच्चों के मानसिक स्थिति के अनुरूप बनाया गया है। जहां उन्हें कोर्ट की फिलिंग नहीं हो। यहां उनके लिए खिलौने व बाल पुस्तकें भी उपलब्ध है। यहां वे अपने स्वजन के साथ आने की अनुमति है।
समीर हत्याकांड में तय नहीं हो सका आरोप
पूर्व मेयर समीर कुमार हत्याकांड में सात आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र तो कोर्ट में दाखिल हुआ। हालांकि आरोपितों के विरुद्ध आरोप तय करने की कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। आरोपितों की ओर से आरोप खारिज करने की अर्जी की सुनवाई पूरी नहीं होने के कारण यह स्थिति आई।
उम्मीदें 2020
- नया साल नई उम्मीदों को लेकर आने वाला है। नए साल में ये हैं उम्मीदें :
- सरकार ने शराब से संबंधित मामले को लेकर दो विशेष नए कोर्ट गठन को मंजूरी दी है। इन दोनों विशेष कोर्ट में सिर्फ शराब से संबंधित मामले की सुनवाई होगी। इससे ऐसे मामले की सुनवाई में तेजी आएगी।
- बालिका गृह मामले में साकेत कोर्ट से फैसला आएगा
- पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में सत्र-विचारण पूरा होगा।
- नवरुणा मामले की सीबीआइ जांच पूरी होगी और आरोपित सामने होंगे। उसके विरुद्ध सीबीआइ आरोप पत्र दाखिल करेगी।
- न्यायालयों में मामले की सुनवाई में तेजी आएगी।