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World Water Day: जलस्रोतों पर अतिक्रमण से भी मुजफ्फरपुर में जल संकट

तेजी से घटता जा रहा जलस्तर सकरा क्षेत्र में स्थिति हर वर्ष हो जाती गंभीर। जिले के कुल 2734 जल संचयन संरचना में 491 का अस्तित्व समाप्त।जल-जीवन-हरियाली योजना से जलस्रोतों को जीवन देने की मुहिम। मुशहरी में जलस्तर इससे भी अधिक करीब 23 फीट हो गया है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 09:51 AM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 09:51 AM (IST)
World Water Day: जलस्रोतों पर अतिक्रमण से भी मुजफ्फरपुर में जल संकट
मुशहरी में जलस्तर इससे भी अधिक करीब 23 फीट हो गया है।

मुजफ्फरपुर, जासं। जिले में जलस्रोतों की कमी नहीं है, मगर इसपर अतिक्रमण ने जलसंकट को बढ़ा दिया। पिछले कई वर्षों से सकरा और मुरौल क्षेत्रों में पेयजल का भीषण संकट आ रहा है। वहां टैंक से पानी पहुंचाया जा रहा है। इस वर्ष भी कुछ इसी तरह के संकेत मिल रहे हैं। उक्त दोनों प्रखंडों में जलस्तर 20 फीट से अधिक नीचे चला गया है। वहीं मुशहरी में जलस्तर इससे भी अधिक करीब 23 फीट हो गया है। कारण में जाएं तो जलस्रोतों पर अतिक्रमण के आंकड़े ही संकट की गवाही दे रहे हैं। 

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डीएम प्रणव कुमार की समीक्षा में यह बात सामने आई थी कि जिले के 1562 सार्वजनिक तालाबों में 440 अतिक्रमित थे। वहीं कुल 2734 जल संचयन संरचना का भौतिक सत्यापन किया गया तो 491 का अस्तित्व ही नहीं पाया गया। वहीं 252 अतिक्रमित पाए गए। आशा की किरण यही जगी है कि जल-जीवन-हरियाली योजना से इन जलस्रोतों को जोड़कर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई है। डीएम के आदेश के बाद पांच एकड़ से कम और इससे अधिक रकबा वाले तालाबों को चिह्नित कर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। इसका जीर्णोद्धार करते हुए सुंदरीकरण का भी कार्य किया जाएगा। माना जा रहा कि योजना पूरी होने पर जलस्तर में वृद्धि संभव है।

पंचायत स्तर पर कुओं के जीर्णोद्धार की योजना

जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत ही पंचायत स्तर तक कुओं का जीर्णोद्धार किया जाना है। विभागों को 385 पंचायतों में से एक-एक कुएं के जीर्णोद्धार करने का जिम्मा दिया गया है।

वाटर टैंकर से पहुंचाया जाएगा पानी

विषम परिस्थिति से निपटने के लिए पीएचईडी ने नौ वाटर टैंकरों की व्यवस्था की है। इसके अलावा दो जलदूत भी काम करेंगे। पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता डेविड कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि बंद चापाकल को चालू रखने के लिए सभी प्रखंडों में अलग-अलग टीम काम कर रही है। उन्होंने कहा, जिले का 15 मार्च तक औसत जलस्तर लगभग 17 फीट है। कुछ क्षेत्रों में यह 25 फीट से अधिक है। वहीं शहरी क्षेत्र में जलस्तर अधिक खराब है। इमलीचट्टी में जलस्तर 34 फीट तक नीचे चला गया है। बूढ़ी गंडक व सिकंदरपुर मन से सटे ब्रह्मपुरा, लक्ष्मी चौक व एमआइटी के आसपास का जल स्तर भी करीब-करीब इसी स्तर पर है। इन क्षेत्रों में सामान्य पंप जवाब देने लगे हैं।

15 मार्च तक प्रखंडों में जल

का औसत स्तर (फीट में)

कुढऩी 15.96

पारू 14.62

साहेबगंज 14.85

कटरा 16.06

गायघाट 15.46

औराई 15.08

बोचहां 15.03

मीनापुर 14.68

सरैया 14.46

मड़वन 16.22

कांटी 16.92

बंदरा 18.63

मुरौल 21.74

सकरा 20.16

मोतीपुर 13.28

मुशहरी 23.47

औसत 16.60 

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