World Mental Health Day 2021: एक हजार में पांच सौ लोग मानसिक रोग से परेशान
World Mental Health Day 2021राजकीय मानसिक चिकित्सा संस्थान कोईलवर के विशेषज्ञ चिकित्सक मानसिक डा.अमर कुमार झा ने कहा कि कोरोना काल में वरीय नागरिकों के लगातार घर में रहने युवाओं में नौकरी छूटने तथा बच्चे स्कूल नहीं जाने के कारण मानसिक रोग की जद में हैं।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। World Mental Health Day 2021: उत्तर बिहार में अवसाद के रोगियों की संख्या बढ़ी है। एसकेएमसीएच व सदर अस्पताल के आउटडोर में प्रतिदिन एक सौ मरीज आ रहे हैं तो उसमें 60 से 70 रोगी अवसाद के होते हैं। उसके बाद उन्माद के मरीजों की संख्या है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की मानें तो इस बार विश्व मानसिक दिवस का थीम है मानसिक स्वास्थ्य सबके लिए हो, इसे हम साकार बनाएं। इस थीम पर इस साल जागरूकता अभियान चलेगा।
राजकीय मानसिक चिकित्सा संस्थान कोईलवर के विशेषज्ञ चिकित्सक मानसिक डा.अमर कुमार झा ने कहा कि कोरोना के कारण मरीजों की संख्या पहले से 30 प्रतिशत बढ़ी है। कोरोना काल मेंवरीय नागरिकों के लगातार घर में रहने, युवाओं में नौकरी छूटने तथा बच्चे स्कूल नहीं जाने के कारण मानसिक रोग की जद में हैं। डा.झा ने बताया कि कोरोना के बाद एक हजार की आबादी में पांच सौ लोग किसी न किसी तरह की मानसिक परेशानी से गुजर रहे हैं। इसमें 30 से 40 प्रतिशत रोगी चिकित्सक के पास नहीं आते हैं। उनके चिकित्सक के पास उपचार के लिए नहीं पहुंचने का सामाजिक कारण है।
इन बातों का रखें ख्याल
- अगर कोई आदमी समाज से अलग-अलग रह रहा हो, किसी से बातचीत नहीं करता हो अनिद्रा से ग्रसित हो तो बहुत ज्यादा बोलता हो, गुस्सा करता हो तो उसको मानसिक रोग विशेषज्ञ से दिखाना चाहिए। उसको किसी अन्य चिकित्सक से नहीं दिखाएं।
1994 में पहली बार मनाया गया विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस
1994 में पहली बार दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार नामक थीम केसाथ विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया था। तब से हर साल 10 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए वैश्विक स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
चिकित्सक से मिले तो सुधार
ब्रह्मपुरा के राहुल ने बताया कि उसको रात में अचानक नींद नहीं आती थी। पहले सोचा कि एक दो दिन में ठीक हो जाएगा, लेकिन जब एक सप्ताह तक यहीं हाल रहा तो सदर अस्पताल के आउटडोर में आकर इलाज कराया। चिकित्सक ने बातचीत कर दवा दी। उसके बाद धीरे-धीरे सुधार हो गया। अब वह बिल्कुल पहले की तरह जीवन जी रहे हैं। अपनी दिनचर्या में सुबह टहलना व योगाभ्यास को शामिल किया है।