हुनर को हथियार बनाकर आत्मनिर्भर बन रही समस्तीपुर की महिलाएं
फुड प्रोसेसिंग कर स्वरोजगार स्थापित करने वाली महिलाएं स्वाबलंबी बनने के लिए अपने हुनर को हथियार बनाया है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से हुनर को हौसलों की उड़ान मिली। स्वरोजगार के जरिए स्वावलंबन की अनूठी मिसाल पेश कर रही है।
समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। नगर निगम के दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डेएनयूएलएम) के तहत स्वंय सहायता समूह (एचएचजी) की कामकाजी महिलाएं घर बैठे स्वरोजगार तलाशकर आत्मनिर्भर बन रही है। समूह के एक दर्जन महिलाएं फूड प्रोसेसिंग का काम कर रही है। घर में फास्ट फुड, नमकीन, बेकरी, मोरब्बा, आचार बनाकर लाखों रुपये बचत कर रही है। महिलाओं ने शहर में विभिन्न स्थानों पर खान पान संबंधी स्टॉल लगा रखा है। सुबह दिन चढ़ने के साथ ही घर का कामकाज निपटाकर काम धंधे में लग जाती है। परिवार को आर्थिक मदद पहुंचाने के साथ समाज में अपनी अलग पहचान बना रही है। पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच उनकी ललक ने शहर के अन्य महिलाओं को भी प्रेरित होने के लिए मजबूर कर दिया।
नगर मिशन प्रबंधक रुबी कुमारी ने बताया कि दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत प्रधानमंत्री फारमेलाइजेशन आफ माइक्रो फुड प्रोसेसिंग इंटरप्राइजेज (पीएफएमई) योजना के माध्यम से एसएचजी की महिलाओं को बेकरी, डेयरी, फास्ट फुड, बेबरेज आदि खान पान संबंधी फुड प्रोसेसिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। करीब एक दर्जन महिलाओं ने खुद स्वरोजगार स्थापित किया है। समूह की सभी सदस्य अपनी रुची के अनुसार कार्य करती है। जिसकी जैसी मेहनत वैसी उसकी कमाई।
स्वरोजगार से पेश कर रही मिसाल
फुड प्रोसेसिंग कर स्वरोजगार स्थापित करने वाली महिलाएं स्वाबलंबी बनने के लिए अपने हुनर को हथियार बनाया है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से हुनर को हौसलों की उड़ान मिली। स्वरोजगार के जरिए स्वावलंबन की अनूठी मिसाल पेश कर रही है। शहर के बहादुरपुर में मोमोज का स्टॉल लगा रही नीतु देवी ने बताया कि सालाना 60 हजार से एक लाख रुपये तक बचत हो जाती है। वहीं पूनम और रुबी नमकीन बना कर बेच रही है। सतीया देवी ने फास्ट फुड की दुकान खोल रखी है। डेएनयूएलएम के नगर मिशन प्रबंधक तहसीन रजा ने बताया कि प्रधानमंत्री के पीईएमई योजना के माध्यम से स्वरोजगार कर रही महिलाओं को 40 हजार रुपये सीड कैप्टिल मनी अनुदान है। इसके लिए स्वंय सहायता समूह के एएफआई क्षेत्र स्तरीय संघ से कामकाजी महिलाओं को जोड़ने का काम किया जाएगा। एसएचजी समूह का ब्रांड लगाकर महिलाएं अपने प्रोडक्ट को मार्केट में ग्राहकों को बेचेगी।