बिना देखे बता देते कि, क्या है बैग के अंदर
मात्र दस साल की उम्र में कृष्णा उर्फ अंश के अजीब करतब से लोग हैरत में हैं।
मुजफ्फरपुर। मात्र दस साल की उम्र में कृष्णा उर्फ अंश के अजीब करतब से लोग हैरत में हैं। वह अपनी दोनों आंखों पर पट्टी बांधकर कोई भी हिंदी-अंग्रेजी की किताब या अखबार आसानी से पढ़ लेता है। इतना ही नहीं पीछे की चीजे भी देख सकता है। आपके जेब और बैग में क्या है उसे पता है। आसानी से बता देता है। नोट गिन सकता है। कलर पहचान लेता है। चंचल कृष्णा संकीर्ण रास्ते से आसानी से निकल जाता है। अगर सामने खाई या कील है तो उसके बगल से निकल जाता है। उसके इस अजीब करतब से लोग आश्चर्य जताते हैं। उसकी कहानी सुन उसे पास से देखने को भीड़ लग रही है।
मुगलसराय में लिया प्रशिक्षण
कृष्णा ने बताया कि उसने अपनी इच्छा पिता जी से जताई तो उन्होंने उसकी बात मान ली। उसका मुगलसराय में मिड ब्रेन एक्टिवेशन एजुकेशन सेंटर में प्रशिक्षण के लिए नामाकन करा दिया। कड़ी मेहनत व लगन से तीन महीने की ट्रेनिंग ली और सफल रहा। वहां प्रशिक्षण के लिए नामाकन 5 से 14 वर्ष के बच्चे की प्राथमिक जांच के बाद होता है।
व्यवसायी हैं कृष्णा के पिता कृष्णा के पिता संजीत कुमार सिंह व्यवसायी हैं। वे शादी कार्ड प्रिंटिंग का व्यवसाय मुगलसराय में करते हैं। मां रूबी सिंह गृहणी हैं। सारण जिला के सोनपुर थाना के भरपुरा गांव के मूल निवासी हैं, लेकिन मुगलसराय में व्यवसाय के सिलसिले में रहते हैं।
सिवाईपंट्टी में है ननिहाल
कृष्णा का ननिहाल सिवाईपट्टी थाना क्षेत्र के सगहरी मालिकाना गाव में है। गर्मी की छुट्टी में वह यहां आया है। वह मुगलसराय में ही चौथी कक्षा में इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ रहा है। पुलिस अधिकारी बनने की है इच्छा
कृष्णा कहता है कि अगर कोई अपराधी अपने पास आर्म्स छिपा कर रखता है तो वह बता सकता है। उसने कहा कि अभी आगे का प्रशिक्षण लेने के बाद किसी के मन की बात वह जान लेगा। साथ ही चेहरे के भाव पढ़ लेना, दीवार पर चढ़ना, कूदना आदि का भी प्रशिक्षण लेना है। प्रशिक्षित होने के बाद समाज सेवा और पुलिस की मदद करना अपना लक्ष्य बताया। उसकी पुलिस अधिकारी बनने की इच्छा है।