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समस्‍तीपुर में पत‍ि की नसबंदी ऑपरेशन के छह महीने बाद पत्नी हुई गर्भवती, बंध्याकरण के बाद दो महिला भी गर्भवती

Samastipur News जिलाधिकारी ने दोनों महिला व पुरुष को 30 - 30 हजार की क्षतिपूर्ति राशि देने की अनुशंसा । बंध्याकरण ऑपरेशन के उपरांत एक सप्ताह के अंदर महिला की मौत पर दो लाख रुपये देने की अनुशंसा।

By Murari KumarEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 03:48 PM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 03:48 PM (IST)
समस्‍तीपुर में पत‍ि की नसबंदी ऑपरेशन के छह महीने बाद पत्नी हुई गर्भवती, बंध्याकरण के बाद दो महिला भी गर्भवती
समस्‍तीपुर में पत‍ि की नसबंदी ऑपरेशन के छह महीने बाद पत्नी हुई गर्भवती (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

समस्तीपुर, जेएनएन। एक तो जिले में परिवार नियोजन की स्थिति सही नहीं है, ऊपर से पुरुष नसबंदी के बाद फिर उसकी पत्नी गर्भवती हो जाए और बंध्याकरण के बाद भी कोई मां बन जाए तो योजना की गंभीरता समझी जा सकती। इस तरह के एक नहीं, तीन-तीन मामले प्रकाश में आए हैं। महिला बंध्याकरण के दो व पुरुष नसबंदी का एक मामला विफल हो गया। इसकी शिकायत मिलने के बाद प्रशासन ने जांच के उपरांत क्षतिपूर्ति राशि भेजी है। इसमें दो महिला व एक पुरुष के खाते में 30-30 हजार रुपये और एक महिला की मौत होने पर दो लाख रुपये मिलेंगे।

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 इसमें मुजफ्फरपुर जिला के मटलुपुर गांव निवासी रामविवेक कुमार की पत्नी रीना देवी, समस्तीपुर जिला के पूसा थाना क्षेत्र के देवपार गांव निवासी मुकेश चौधरी की पत्नी संतोषी देवी व पूसा के जगदीशपुर गांव निवासी संतोष कुमार शामिल है। जबकि, खानपुर प्रखंड के सिवैसिंगपुर गांव निवासी नूरे आलम की पत्नी साहिन परवीन का बंध्याकरण के उपरांत मौत हो गई। सभी ने जिलाधिकारी से ऑपरेशन विफल होने की शिकायत की थी। इस पर डीएम के आदेश पर मामले की जांच कराई गई। जांच के उपरांत डीएम ने दोनों महिलाओं व एक पुरुष को 30-30 हजार रुपये क्षतिपूर्ति प्रदान करने की अनुशंसा की। इसके बाद राज्यस्तर से सहमति मिलने के उपरांत राशि का भुगतान कर दिया गया।

पति के नसबंदी ऑपरेशन कराने के छह महीने बाद पर पत्नी हुई गर्भवती

पूसा थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव निवासी संतोष कुमार ने छह सितंबर 2018 को सदर अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन कराया था। ऑपरेशन के बाद उसकी पत्नी गर्भवती हो गई। इसका खुलासा छह महीने बाद हुआ। उसने अपनी पत्नी का एक मार्च 2019 को अल्ट्रासाउंड कराया। अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ कि वह छह सप्ताह पांच दिन की गर्भवती थी। इसके बाद अलग-अलग जांच कराई गई। इससे स्पष्ट हुआ कि पुरुष नसबंदी ऑपरेशन असफल हो गया।

ऑपरेशन के तीन साल बाद रीना और छह महीने बाद संतोषी गर्भवती

परिवार नियोजन ऑपरेशन के तीन साल बाद रीना और छह महीने बाद संतोषी फिर से गर्भवती हो गई। इसके बाद अनुदान को लेकर दोनों ने डीएम से गुहार लगाई। पीड़िता ने शिकायत की थी कि परिवार की स्थिति पहले से ही खराब है अब गर्भवती हो जाने के बाद और खस्ताहाल हो गया है। डीएम के आदेश के बाद सीएस ने सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को मामले की जांच का आदेश दिया था। उपाधीक्षक ने मामले की जांच कर पीड़िता के दावा को सत्य पाने की रिपोर्ट दी थी।

 इसमें मुजफ्फरपुर जिला के पियर थाना क्षेत्र के मटलुपुर गांव निवासी राम विवेक कुमार की पत्नी रीना देवी अनुमंडलीय अस्पताल पूसा में 25 जुलाई 2016 को बंध्याकरण का ऑपरेशन कराई थी। इसके तीन साल बाद वह गर्भवती हो गई। इस परिजनों ने पीड़िता की चिकित्सा कराई। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के आधार पर गर्भवती होने की पुष्टि हुई। जिसकी रिपोर्ट 13 मार्च 2019 को दी गई। वहीं दूसरी ओर पूसा थाना क्षेत्र देवपार गांव निवासी मुकेश चौधरी की पत्नी संतोषी देवी का चार मार्च 2019 को बंध्याकरण का ऑपरेशन किया था। जिसका अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के आधार पर गर्भवती होने का मामला सामने आया। उसने नौ सितंबर 2019 को अनुमंडलीय अस्पताल पूसा में मामले की शिकायत की।

बंध्याकरण के एक सप्ताह बाद हुई मौत

खानपुर प्रखंड के सिवैसिंगपुर गांव निवासी नूर आलम की पत्नी साहिन परवीन का महिला बंध्याकरण ऑपरेशन कराने के पश्चात एक सप्ताह के अंदर मृत्यु हो गई। महिला का ऑपरेशन रेफरल अस्पताल ताजपुर में 28 नवंबर 2019 को कराया गया था। 29 नवंबर 2019 को डिस्चार्ज करने के बाद पांच दिसंबर 2019 को मौत हो गई। परिजनों ने इसकी सूचना चार जनवरी 2020 को अस्पताल प्रशासन को दी। इस मामले में जांच के उपरांत नियमानुसार क्षतिपूर्ति राशि दो लाख रुपये परिजन को देने की अनुशंसा की गई।

डीएम ने की क्षतिपूर्ति राशि देने की अनुशंसा

पीड़ित की शिकायत पर सिविल सर्जन ने पूरे मामले की जांच कराई। इस पर जांच रिपोर्ट पूर्व में ही जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय को सौंप दिया गया था। इसमें मरीज परिवार नियोजन विफल का क्लेम फॉर्म, ऑपरेशन का कंसेंट फॉर्म, बीएचटी, स्टरलाइजेशन सर्टिफिकेट, मरीज का पुर्जा, नियमित टीकाकरण का कार्ड, अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट की प्रति दी गई। जिलाधिकारी ने उक्त कागजात के आधार पर निर्णय लिया कि पीड़ित का परिवार कल्याण ऑपरेशन की विफलता सत्य है। इसको लेकर दोनों महिला व एक पुरुष को क्षतिपूर्ति की 30-30 हजार रुपये प्रदान करने की अनुशंसा की जा सकती है।


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