क्यों मुजफ्फरपुर के अधिकांश कालेज नैक मूल्यांकन की वैधता खोते जा रहे?
नैक मूल्यांकन की तैयारियों में बाधक बन रही कोरोना एसएसआर की तैयारी अंतिम चरण में। विश्वविद्यालय एलएस आरडीएस और एमडीडीएम कालेज का दूसरे चरण का होना है मूल्यांकन। स्टूडेंट फीडबैक पर भी नैक में मिलते हैं अंक ।
मुजफ्फरपुर, जासं। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय समेत मुख्यालय के तीन प्रमुख कालेजों की नैक मूल्यांकन की वैधता समाप्त हो चुकी है। इनके दूसरे चरण का मूल्यांकन होना है। कोरोना संक्रमण के कारण लगातार तीसरे वर्ष भी विश्वविद्यालय समेत कालेजों को सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) जमा करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नैक के दूसरे चरण में स्टूडेंट फीडबैक, स्पोर्टस, एकेडमिक गतिविधियों के साथ ही प्लेसमेंट को भी टीम देखती है। ऐसे में कालेजों में इन क्षेत्रों में कार्य किया जाना है। विवि और जिन कालेजों ने नैक मूल्यांकन नहीं कराया है उन्हें अनुदान से वंचित होने का खतरा मंडराने लगा है। यूजीसी का स्पष्ट निर्देश है कि अनुदान व विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ तभी संस्थानों को दिया जाएगा जब वे नैक मूल्यांकन कराएंगे। कालेजों का कहना है कि नैक मूल्यांकन के समय परिषद की टीम विद्यार्थियों से भी फीडबैक लेती है। इसका अंक मूल्यांकन में जुड़ता है। कोरोना काल में जबतक नियमित कक्षाएं शुरू नहीं होंगी नैक कराना मुश्किल है।
सभी संस्थानों के लिए नैक जरूरी
विश्वविद्यालय समेत अंगीभूत और संबद्ध डिग्री कालेजों को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से मूल्यांकन कराना अनिवार्य है। मूल्यांकन में परिषद की टीम विभिन्न मानकों पर संस्थान की स्थिति को देखती है। उसी अनुसार संस्थान को ग्रेङ्क्षडग और अंक मिलते हैं। सरकार के विभिन्न योजनाओं का लाभ भी ग्रेङ्क्षडग के अनुसार कालेजों को मिलता है। विवि के एक ही एलएस कालेज को अबतक नैक ने ग्रेड ए दिया है। खुद विश्वविद्यालय को बी ग्रेड मिला हुआ है। वहीं अन्य कालेजों को बी और सी ग्रेड मिला हुआ है। सीतामढ़ी के किसी भी अंगीभूत कालेज का नैक मूल्यांकन नहीं हुआ है। वहीं विवि के एक भी संबद्ध डिग्री कालेज ने नैक मूल्यांकन नहीं कराया है। बीआरएबीयू के कुलपति डा.हनुमान प्रसाद पांडेय ने कहा कि इस वर्ष हरहाल में नैक मूल्यांकन कराया जाएगा। इसके लिए पदाधिकारियों को जिम्मा दिया गया है। अनुदान से लेकर अन्य मानकों के लिए नैक कराना जरूरी है। कालेज अपनी तैयारी कर प्रथम और द्वितीय चरण में नैक का मूल्यांकन कराएं।