क्यों आई ऐसी स्थिति कि वर्तमान BMP DIG पर हमला करने वालों को भी नहीं पहचान सकी पुलिस Muzaffarpur News
12 साल पहले बैरिया में सीटू नेता मो.हारूण की हत्या के बाद वहां गई पुलिस टीम पर आक्रोशित लोगों ने किया था हमला। हमले में एएसपी व एक दर्जन पुलिसकर्मी हो गए थे घायल।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सीटू नेता मो.हारूण की हत्या के बाद बवाल व अपने उपर हुए हमले में शामिल हमलावरों को ही पुलिस पहचान नहीं पाई। इस हमले में अन्य के अलावा तत्कालीन एएसपी व वर्तमान में बीएमपी के डीआइजी क्षत्रनील सिंह भी घायल हुए थे। उस घटना में अधिकांश घायल पुलिस अधिकारी व जवान गवाही दर्ज कराने तक नहीं पहुंचे। मात्र एक पुलिस इंस्पेक्टर व एक दफादार की ही कोर्ट में गवाही हो सकी। दोनों ने हमले की बात तो स्वीकारी लेकिन आरोपितों की पहचान करने से ही इन्कार कर दिया। साक्ष्य के अभाव में एडीजे-छह राधेश्याम शुक्ल के कोर्ट ने सभी आरोपितों को बरी कर दिया।
यह हुई थी घटना
अहियापुर थाना के बैरिया गोलंबर के निकट 21 जुलाई 2008 की शाम बम व गोली से हमला कर सीटू नेता पठानटोली निवासी मो. हारूण की हत्या कर दी गई थी। इस घटना से आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। तत्कालीन एसडीओ पूर्वी के साथ तत्कालीन एएसपी व वर्तमान में बीएमपी के डीआइजी क्षत्रनील सिंह वहां पहुंचे थे।
एएसपी का फट गया था सिर
आक्रोशित भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। हमले में क्षत्रनील सिंह का सिर फट गया और लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। हमलावरों की ओर से फायरिंग भी की गई थी। क्षत्रनील सिंह और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को स्कूल में छुप कर जान बचानी पड़ी। बाद में पुलिस ने जवाबी कार्रवाई कर सभी को सुरक्षित बाहर निकाला।
20 नामजद समेत पांच सौ पर प्राथमिकी
अहियापुर थाना के तत्कालीन पुलिस अधिकारी ज्ञानेश्वर सिंह के बयान पर 20 नामजद समेत पांच सौ अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसमें से सात आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था। सेेवानिवृत्त पुलिस इंस्पेक्टर सोनेलाल पासवान और दफादार रामबाबू राय गवाही के लिए हाजिर हुए। उन्होंने पुलिस पर हमले की बात तो स्वीकार की लेकिन आरोपियों को पहचानने से इन्कार कर दिया। सम्मन व वारंट के बाद भी कोई अन्य गवाह कोर्ट में पेश नहीं हुआ।