छात्राओं को स्कूल से निकलने में क्यों लगता डर
पश्चिमी चंपारण जिले के हरनाटांड़ उ'च प्लस टू विद्यालय के मुख्य गेट पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है।
मुजफ्फरपुर। पश्चिमी चंपारण जिले के हरनाटांड़ उच्च प्लस टू विद्यालय के मुख्य गेट पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। स्कूलों के बाहर मनचलों का जमावड़ा लगने से छात्राओं में भय का माहौल है। स्कूल जाते व वापस लौटते समय छात्राएं अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही हैं। स्कूल के समय के अलावा मध्यांतर के दौरान व स्कूल की छुट्टी के समय ये मनचले सक्रिय हो जाते हैं। बाइक पर तीन-तीन लोगों को बिठाकर हवा से बातें करते हुए छात्राओं पर गंदी फब्तियां कसते हैं। स्कूल प्रबंधक को इसकी जानकारी है। परंतु इसके लिए सख्त कदम नहीं उठाए जा रहे है। मनचले युवकों का आतंक बढ़ता जा रहा है। कई छात्राएं इससे परेशान होकर अपने अभिभावक तक को सूचित कर दी हैं। अभिभावक लोक लाज के कारण
चुप हैं। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों स्कूल से घर लौटी छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की भी घटना के बाद भी स्कूल प्रबंधन सिर्फ इतना कह कर पल्ला झाड़ ले रहा है कि मैंने तो पुलिस को लिखित आवेदन दिया है। स्कूल के बाहर गुटखा सिगरेट की दुकान होने से भी असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगता है। इस पर भी अंकुश लगाने की आवश्यकता है। पुलिस आती है तो भाग जाते मनचले
उच्च प्लस टू विद्यालय हरनाटांड़ के प्रधानाध्यापक प्रकाश नारायण कहते हैं कि स्कूल के बाहर मेन गेट के आसपास असामाजिक व मनचले युवक खड़े रहते हैं। जिससे छात्राएं अपने आपको असुरक्षित महसूस करती हैं। इस संबंध में स्थानीय पुलिस से शिकायत की गई है कि स्कूल के संचालन के समय व छुट्टी के दौरान पुलिस द्वारा गश्त की जाए। पुलिस का सहयोग भी मिलता है। लेकिन पुलिस के जाने के बाद स्थिति यथावत रहती है। कहा कि एसडीएम और एसपी के पास भी एक लिखित शिकायत कर सुरक्षा की मांग की जाएगी। लौकरिया ,थानाध्यक्ष विनय कुमार मिश्रा ने बताया कि स्कूलों के आसपास लगातार छुट्टी के समय गश्ती की जाती है। पान - गुटखा के दुकानदारों को भीड़ लगाने से मना किया गया है। ऐसे मनचलों व असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।