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कृषि वैज्ञनिकों का दावा-इस बैगन में हैं बड़े-बड़े गुण, जानिए क्या है खासियत

कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि सफेद बैगन अन्य बैगन की अपेक्षा ज्यादा गुणकारी है। अब यह मधुमेह के रोगियों के लिए वरदान साबित होगा।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 22 Jan 2018 01:21 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jan 2018 10:55 PM (IST)
कृषि वैज्ञनिकों का दावा-इस बैगन में हैं बड़े-बड़े गुण, जानिए क्या है खासियत
कृषि वैज्ञनिकों का दावा-इस बैगन में हैं बड़े-बड़े गुण, जानिए क्या है खासियत

भागलपुर [अमरेन्द्र कुमार तिवारी]। अब मधुमेह रोगियों के लिए सफेद बैगन वरदान साबित होगा। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा इसे स्वादिष्ट और गुणकारी बनाने में काफी हद तक सफलता मिल चुकी है। अब इसके विशेष गुण को अन्य रंगों के बैगन में भी स्थानांतरित करने की योजना पर काम चल रहा है। 

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दरअसल, गुणकारी होने के बाद बावजूद कड़ा, अधिक बीज एवं स्वाद में अन्य बैगन से फीका होने के कारण सफेद गोल बैगन को लोग पसंद नहीं करते हैं, लेकिन इसमें अत्यधिक रेशा, फेनोल्स की अधिकता, कार्बोहाइड्रेड की न्यूनतम मात्रा तथा क्लोरोजेकिन की उपस्थिति मधुमेह रोगियों के लिए काफी फायदेमंद है। 

बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कुलपति डॉ. अजय कुमार सिंह की पहल पर इसकी उत्पादन क्षमता के साथ-साथ इसे मुलायम व सुस्वादिष्ट बनाने की कार्य योजना पर सफलता हासिल कर ली है। शोध का फलाफल अब बाजार में इसकी मांग बढ़ेगी और किसान के आर्थिक उन्नति का नया द्वार खुलेगा। 

शोध में जुटे हैं ये वैज्ञानिक

बिहार कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी वैज्ञानिकों का एक दल इसकी गुणवत्ता बढ़ाने पर निरंतर शोध कर रहा है। प्रतिवर्ष इसकी गुणवत्ता में हो रही वृद्धि का मूल्यांकन कार्य प्रगति पर है। वैज्ञानिकों का मानना है की सफेद बैगन की नवीनतम किस्म आकर्षक एवं सुस्वादिष्ट है। अन्य किस्मों से इसकी उत्पादकता भी अधिक है।

ऐसा है विकसित प्रभेद

शोध के बाद विकसित प्रभेद, ज्यादा बड़ा और गोलाकार, आकर्षक, मुलायम, कम बीज वाला, स्वाद में बेहतर एवं स्थानीय प्रजातियों से ज्याद उपज देने वाला है।

इन वैज्ञानिकों पर है शोध की जिम्मेदारी

बीएयू के उद्यान (सब्जी) विभाग के वैज्ञानिक डॉ. रणधीर कुमार एवं डॉ. शीरीन अख्तर गोलाकार सफेद बैगन की गुणवत्ता एवं उत्पादकता को बढ़ाने कि दिशा में निरंतर शोध में लगे हुए हैं। अब शोध में प्राप्त सफेद बैगन के विशेष गुण को अन्य रंगों वाले बैगन में स्थानांतरित करने की योजना चल रही है। उनका मूल्यांकन भी हो रहा है। 

कहा- निदेशक ने 

वैज्ञानिक सफेद बैगन को गुणकारी बनाने में बहुत हद तक सफल हुए हैं। उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि हुई है। अब बाजार में गुणकारी इस सफेद बैगन की मांग बढ़ेगी। सामान्य बैगन से इसकी उत्पादन क्षमता भी अधिक है। किसानों को उत्पाद का बेहतर बाजार मूल्य मिलेगा। उनके आय के नए द्वार खुलेंगे। 

 डॉ. पीके सिंह, निदेशक शोध बीएयू, सबौर।


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