जब इस लड़की ने तोड़ी जाति की दीवार तो आपस में ही उलझ गए दो वर्ग के लोग, हुआ यह हाल
प्रेम विवाह से उत्पन्न विवाद में मारपीट। कई नामजद। अंतरजातीय विवाह किए जाने के बाद यह स्थिति उत्पन्न हुई। आपसी कहासुनी के बाद हालत मारपीट एवं जानलेवा हमले में तब्दील हो गई। इस घटना को लेकर नगर थाना में एक और प्राथमिकी दर्ज की गई।
मधुबनी, जेएनएन। यूं प्रेम को जाति, धर्म, रंग, वर्ण व भाषा की दीवार में कैद करना संभव नहीं है। लेकिन, जब काेई इस सीमा रेखा को पार करता है तो एक अव्यवस्था की स्थिति बन जाती है। मधुबनी में भी कुछ ऐसा ही एक मामला देखने को मिला। जब अंतरजातीय प्रेमी युगल द्वारा प्रेम विवाह रचा लेने से उत्पन्न विवाद मारपीट एवं जानलेवा हमले में तब्दील हो गई। इस घटना को लेकर नगर थाना में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। जिसमें कई लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। मारपीट की यह घटना न्यायालय परिसर में घटित होने का जिक्र प्राथमिकी में किया गया है। नामजद आरोपितों में से दो को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है। मारपीट में जख्मी हुए व्यक्ति का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है।
प्राथमिकी के अनुसार एक लड़की अचानक घर से गायब हो गई थी। जब उसके अपहरण का मामला दर्ज कराया गया तो पुलिस ने उसे बरामद कर लिया। उससे पहले उसने अपने प्रेमी से विवाह कर लिया था। अंतरजातीय विवाह होने से मामले ने तूल पकड़ लिया। इस बीच प्रेम विवाह रचाने वाली लड़की को पुलिस ने बरामद कर न्यायालय में पेश किया। इसके बाद धारा-164 के तहत बयान कलमबद्ध कराया गया। इस दौरान लड़की से तमाम विरोध के बाद भी अपने बयान में प्रेमी के साथ ही रहने की इच्छा व्यक्त की।
बालिग होने के कारण इसके बाद लड़का पक्ष को लड़की को लेकर जाने की अनुमति दे दी गई। इस बीच लड़की के स्वजन और अन्य लोग भी वहां पहुंच गए थे। उसे ले जाते समय दोनों पक्ष के लोग आपस में उलझ गए। न्यायालय परिसर में ही लड़का एवं लड़की के पक्ष के लोगों के बीच कहासुनी होने लगी। इससे विवाद बढ़ता ही चला गया। यह आखिरकार मारपीट एवं जानलेवा हमले में तब्दील हो गया। कुछ देर के लिए वहां अफरातफरी का माहौल कायम हो गया। प्राथमिकी दर्ज करने के उपरांत पुलिस मामले की छानबीन शुरू कर दी है। इसका कई एंगल से पड़ताल किया जा रहा है। इस बीच दो आरोपितों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। कहने के लिए प्रेम विवाह की बात की जाती है। लेकिन, सामाजिक तौर पर अब भी इन चीजों को सहज स्वीकार नहीं किया जाता है। दोनों पक्ष के माता पिता को इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।