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पश्चिम चंपारण: वीटीआर में अवैध खनन पर थारू गंभीर, सीएम नीतीश कुमार को लिखा पत्र

हर रोज 100 से अधिक ट्रैक्टर ट्राली से हो रही ढुलाई। वीटीआर में गंडक मसान झिकहरी सिंगहा भपसा समेत एक दर्जन छोटी-बड़ी पहाड़ी नदियां बहती हैं। वीटीआर संरक्षित क्षेत्र है। खनन से नदियों की धारा मुडऩे व कटान का खतरा है। वन्यजीव भी प्रभावित होंगे।

By Ajit kumarEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 08:33 AM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 05:47 PM (IST)
पश्चिम चंपारण: वीटीआर में अवैध खनन पर थारू गंभीर, सीएम नीतीश कुमार को लिखा पत्र
जंगल की सुरक्षा का हवाला देते हुए अविलंब कठोर कार्रवाई की मांग की है। फोटो: जागरण

पश्चिम चंपारण, जासं। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) के संरक्षित क्षेत्र में पहाड़ी नदियों के किनारे बालू और पत्थर के अवैध खनन का थारू समाज ने विरोध किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। खनन से नदियों की धारा मुडऩे व कटान का खतरा है। वन्यजीव भी प्रभावित होंगे। वीटीआर में गंडक, मसान, झिकहरी, सिंगहा, भपसा समेत एक दर्जन छोटी-बड़ी पहाड़ी नदियां बहती हैं। वीटीआर संरक्षित क्षेत्र है। यहां रोक के बाद भी खनन हो रहा है। इस पर भारतीय थारू कल्याण महासंघ के अध्यक्ष दीपनारायण प्रसाद ने 18 फरवरी को मुख्यमंत्री को पत्र लिख जंगल की सुरक्षा का हवाला देते हुए अविलंब कठोर कार्रवाई की मांग की है। 

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प्रतिदिन सौ ट्राली से अधिक की निकासी

पत्र में बताया गया है कि वीटीआर के वाल्मीकिनगर, हरनाटांड, चिउटाहां, गनौली, गोबद्र्धना वन क्षेत्रों से प्रतिदिन सौ से अधिक ट्रैक्टर ट्राली बालू की निकासी हो रही है। इसके साथ ही वाल्मीकिनगर में पत्थर का भी खनन हो रहा है। जिलाधिकारी व खनन पदाधिकारी को भी आवेदन दिया गया है। खनन से पर्यावरण के साथ-साथ जंगल के आसपास निवास करने वालों को भी खतरा है। इससे किसानों की खेती की जमीन रेत में तब्दील हो रही है। हाल ही में एसडीएम ने वाल्मीकिनगर में छापेमारी कर दो ट्रैक्टर ट्राली जब्त किया था।

परसौनी गांव के अजय कुमार और बकवा गांव के नागेंद्र महतो व सोनू कुमार का कहना है कि क्षेत्र के किसान उपजाऊ जमीन को बालू से बचाने के लिए बरसात के पहले नदी के दोनों किनारे अपने स्तर से गाइड बांध का निर्माण करते हैं। खनन से गाइड बांध कमजोर हो जाता है। इससे जंगल से निकली नदियों की धारा तेज हो जाती है। गाइड बांध बहने के साथ खेती योग्य जमीन बर्बाद होती है। रघिया वन क्षेत्र के पदाधिकारी रहीमुद्दीन अहमद का कहना है कि पहाड़ी नदियों से बालू खनन पर रोक है। ऐसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी। 

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