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पश्चिम चंपारण: मैट्रिक की तर्ज पर होगी नौवीं की वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा

West Champaran News बिहार बोर्ड की ओर से जारी की गई परीक्षा की तिथि मूल्यांकन कार्य को लेकर सख्ती के निर्देश विद्यार्थियों की तैयारी कराने की हिदायत प्रायोगिक परीक्षा के लिए 4 मार्च की तिथि निर्धारित है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 04 Feb 2022 04:50 PM (IST)Updated: Fri, 04 Feb 2022 04:50 PM (IST)
पश्चिम चंपारण: मैट्रिक की तर्ज पर होगी नौवीं की वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा
नई गाइडलाइन के अनुसार होगी नौवी के छात्र-छात्राओं की कापी जांच। प्रतीकात्‍मकत तस्‍वीर

बेतिया, जासं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से मैट्रिक की तर्ज नवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा लेने को ले नई गाइडलाइन जारी की गई है। नवीं की वार्षिक परीक्षा आगामी 26 फरवरी से शुरू होकर तीन मार्च तक चलेगी। परीक्षा दो पालियों में होगी। प्रायोगिक परीक्षा के लिए 4 मार्च की तिथि निर्धारित है। परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र के साथ ओएमआर सीट उपलब्ध कराया जाएगा।

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वैसे सभी विद्यालय जिसमें वर्ग 9 वीं के छात्र छात्राओं के द्वारा वर्ष 2021 में अपना पंजीयन कराया है तथा जिसके आधार पर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की आगामी वार्षिक माध्यमिक परीक्षा 2023 के लिए अहर्ता रखते है। उनकी नौवीं की वार्षिक परीक्षा को लेकर विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया गया है । इस परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र के साथ ओएमआर उत्तर पत्रक समिति द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी । परीक्षा के लिए योग्य वीक्षकों की नियुक्ति व मूल्यांकन कार्य का निष्पादन करते हुए इस अभ्यास परीक्षा में उत्तीर्ण-अनुत्तीर्ण या अनुपस्थित छात्र -छात्राओं की सूची तैयार कर समिति को उपलब्ध कराने को कहा गया है । कक्षा नवमीं की वार्षिक परीक्षा 2022 की तैयारी करना सुनिश्चित करें।

बोर्ड के पैटर्न से अवगत कराना मकसद

आदेश में कहा गया है कि जिले के लगभग 70 प्रतिशत से अधिक छात्र- छात्राएं ग्रामीण परिवेश के विद्यालयों में अध्ययन करते हैं । इनके द्वारा पहली स्तरीय परीक्षा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित की जाने वाली मैट्रिक की परीक्षा होती है । ग्रामीण परिवेश से आने वाले ये विद्यार्थी इस प्रकार की परीक्षा के स्वरूप से परिचित नहीं होते हैं । जिसके कारण इनमें से कई विद्यार्थी सीधे समिति के द्वारा आयोजित मैट्रिक की परीक्षा देने के क्रम में अपनी मेधा के अनुसार उचित प्रदर्शन करने में कठिनाई महसूस करते हैं । मैट्रिक की परीक्षा विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण का प्रथम सोपान है। अब छात्रों को पैटर्न के ह‍िसाब से तैयारी करनी होगी। 


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