मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज की वेबसाइट अधूरी, मेडिकल कमीशन का अल्टीमेटम
ऐसा कहा जा रहा है कि एसकेएमसीएच की वेबसाइट पर अंतिम सूचना वर्ष 2020 की है। कई डाक्टरों की सेवा समाप्त होने के बाद भी उन्हें सेवारत ही दिखाया जा रहा है। इसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। सही जानकारी नहीं मिल पा रही है।
मुजफ्फरपुर, जासं।मेडिकल कालेजों की वेबसाइट अपडेट नहीं होने को कमीशन ने गंभीरता से लिया है। 31 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया गया है। एसकेएमसीएच की वेबसाइट भी अधूरी है। कमीशन की सख्ती के बाद हलचल तेज है। नेशनल मेडिकल कमीशन ने वेबसाइट को अपडेट करने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया है। वेबसाइट अपडेट करने में एसकेएसमीएच भी पीछे है। कमीशन ने कहा है कि मेडिकल कालेज अपनी वेबसाइट पर छात्रों को कक्षा से लेकर सभी गतिविधियों की अपडेट जानकारी दें।
एसकेएमसीएच की वेबसाइट पर अंतिम सूचना वर्ष 2020 की है। इसके अलावा कई विभागों में शिक्षक रिटायर होने के बाद भी उनके नाम पोर्टल पर चल रहे हैं। आर्थो विभाग के अध्यक्ष डा. नागेंद्र प्रसाद सिन्हा को रिटायर हुए दो वर्ष बीत गए, लेकिन वेबसाइट पर उन्हें ही अध्यक्ष बताया जा रहा है। मेडिसिन विभाग में भी अध्यक्ष की जगह डा. भगवान दास लिखा है, जबकि वह भी रिटायर हो चुके हैं। हालांकि तस्वीर वर्तमान अध्यक्ष प्रो. अकील अहमद मुमताज की लगी है। एसकेएमसीएच के प्राचार्य ने कहा कि तकनीकी कारणों से वेबसाइट अपडेट होने में परेशानी होती है, लेकिन वह अपने स्तर से अपडेट करने के लिए कहे हैं।
दवा दुकान में छापा, दो नमूने जब्त
मुजफ्फरपुर : औषधि निरीक्षकों के दल ने सरैयागंज इलाके में धावा बोला। एक दवा दुकान की जांच की गई। जहां वैसी कंपनी की दवा बिक रही थी जिस पर शक है कि वह सरकार की पैनल सूची में नहीं है। सहायक औषधि निरीक्षक ने कहा कि दो नमूने लिए गए। दवा दुकानदार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया गया है। दवा किस कंपनी की है। उस कंपनी का पूरा पता और खरीद का बिल मांगा गया है। दवा दुकानदार की रिपोर्ट के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह अभियान लगातार जारी है। मालूम हो कि डीएम के निर्देश पर गुरुवार को सरैयागंज स्थित एक दवा दुकान में ड्रग विभाग ने धावा बोला। दुकानदार से नशीली दवाओं की बिक्री का रिकार्ड मांगा। दो दवाओं के सैंपल भी लिए। धावा दल में सहायक औषधि नियंत्रक नित्यानंद किसलय, अनिल कुमार साह, श्रीधर नारायण, हेमंत पंडित व मो. परवेज शामिल थे। जिला प्रशासन की ओर से मजिस्ट्रेट ब्रजभूषण को भी तैनात किया था। टीम दो घंटे तक रही। कुछ नशीली दवाओं की बिक्री का रिकार्ड नहीं मिला। धावा दल के पहुंचने के बाद दवा दुकानदारों की बेचैनी बढ़ गई थी।