Move to Jagran APP

Weather Muzaffarpur: आज साफ रहेगा मौसम, हवा की दिशा में बदलाव संभव

Weather Muzaffarpur कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण उत्तर बिहार में होगी वर्षा। 3-4 अक्टूबर को उत्तर बिहार में अनेक स्थानों पर बारिश होने की जताई गई संभावना। तराई के क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश के आसार।

By Jagran NewsEdited By: Ajit kumarPublished: Sat, 01 Oct 2022 07:56 AM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 07:56 AM (IST)
Weather Muzaffarpur: आज साफ रहेगा मौसम, हवा की दिशा में बदलाव संभव
आज मौसम शुष्क रहने की संभावना है। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर/पूसा (समस्तीपुर), संस। एक बार फिर बारिश की संभावना बन गई है। उत्तर बिहार में कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण मौसम में बदलाव होने की संभावना है। इसके कारण 3-4 अक्टूबर को उत्तर बिहार के अनेक स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। जबकि तराई के क्षेत्रों में मध्यम वर्षा की संभावना है। यह कहना है मौसम विभाग का। शुक्रवार को अगले 5 अक्टूबर तक के लिए जारी मौसम पूर्वानुमान में यह बात कही गई है।

loksabha election banner

हल्की वर्षा होने की संभावना

डा. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विभाग ने कहा है कि पूर्वानुमान की अवधि में कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण मौसम में बदलाव होने की संभावना है। जिसके कारण आसमान में मध्यम बादल देखे जा सकते हैं। इसके प्रभाव से 3-4 अक्टूबर को उत्तर बिहार के अनेक स्थानों पर हल्की वर्षा होने की संभावना है। कुछ स्थानों पर मध्यम वर्षा भी हो सकती है। तराई के कुछ जिलों में जैसे मधुबनी एवं सीतामढ़ी जिलों में मध्यम से भारी वर्षा भी हो सकती है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 33 से 35 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 23 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 10 से 12 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से अगले दो दिनों तक पछिया हवा तथा उसके बाद पुरवा हवा चलने की संभावना है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 70 से 80 प्रतिशत तथा दोपहर में 60 से 65 प्रतिशत रहने की संभावना है।

किसान कृषि कार्य में सावधानी बरतें

किसानों के लिए जारी समसामयिक सुझाव में कहा है कि 3-4 अक्टूबर को वर्षा की संभावना को देखते हुए किसान कृषि कार्य में सावधानी बरतें। रबी फसलों की बुआई पूर्व खेतों, खेत से सटे मेड़ों, नालों एवं आस-पास के रास्तों में उगे अवांछित जंगलों की साफ-सफाई प्राथमिकता से करें। ताकि इन जंगलों में छिपे कीट और रोगों के कारक आदी सम्पूर्ण रुप से नष्ट हो जाएं। फसलों की स्वस्थ एवं गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए सड़ी-गली गोबर खाद का प्रबंध करें। 150-200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से गोबर खाद की मात्रा पूरे खेत में अच्छी प्रकार विखेड़कर मिला दें। यह खाद भूमि की जलधारण क्षमता एवं पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.