Weather Muzaffarpur Today:बिना चिंतित हुए पूजा-पाठ कीजिए, मौसम से हरी झंडी है
Weather Muzaffarpur Bihar आज आसमान में बादल छाए रहेंगे। सुबह में एक-दो जगह मेघ गर्जन की आशंका है। इसके बाद पूरे दिन मौसम शुष्क ही रहने का अनुमान है। आज अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल सकता है।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। आज आसमान में बादल छाए रहेंगे। दिन चढ़ने के साथ ही तेज धूप निकलने की संभावना है। इसकी वजह से गर्मी का अहसास हो सकता है। अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। यह सामान्य से करीब दो डिग्री अधिक कहा जा सकता है। शाम और रात के समय भी मौसम के मिजाज में खास बदलाव के संकेत नहीं हैं। इस तरह से देखा जाए तो मौसम प्राय: शुष्क ही रह सकता है।
हल्के से मध्यम श्रेणी के बादल
ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, कृषि मौसम विभाग जलवायु परिवर्तन पर उच्च अध्ययन केंद्र डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के अनुसार अगले पांच दिनों यानी 2 अक्टूबर तक के मौसम पूर्वानुमान में बताया गया है कि इस अवधि में उत्तर बिहार के जिलों में हल्के से मध्यम बादल छाए रह सकते हैं। अगले 12-24 घंटे के दौरान तराई एवं मैदानी जिलों में हल्की वर्षा हो सकती है। इसके बाद आमतौर पर मौसम शुष्क रहने की संभावना है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 31 से 33 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 23 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 8-15 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से पूरबा हवा तथा बीच-बीच में औसतन छह से आठ किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पछिया हवा चलने की संभावना है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 70 से 80 प्रतिशत तथा दोपहर में 60 से 65 प्रतिशत रहने की संभावना है।
अगले सप्ताह से मानसून की वापसी
डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के नोडल पदाधिकारी मौसम विज्ञानी डा.ए सतार ने बताया कि कि इस साल मानसून 15 जून के आसपास आया था। राजस्थान से मानसून लौटना शुरू कर दिया है। धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा। जहां तक बिहार से वापसी की बात है तो यहां से 3 से 7 अक्टूबर के बीच लौटने का सामान्य समय है। इस बार भी वहीं उम्मीद है। डा.सतार ने बताया कि मानसून पहले चरण में कमजोर रहा तथा दूसरे चरण अगस्त व सितंबर में मजबूत हुआ। मानसून का आगमन इस बार 15 जून के आसपास हुआ था।
किसानों के लिए ये हैं सुझाव
पिछले 12 दिनों में उत्तर बिहार के तराई एवं मैदानी भागों के जिलों के अनेक स्थानों पर वर्षा हुई है। वर्षा जल का लाभ उठाते हुए धान की फसल जी गाभा की अवस्था में आ गई हो उसमें प्रति हेक्टेयर 30 किलोग्राम उवर्रक का उपरविशेन करे। धान की फसल जो दुग्वधास्था में आ गई हो उसने गंधी बग कीट की निगरानी करें। इस कीट के लिए एवं प्रौढ़ दोनों प्रारंभ में धान की की पत्तियों का रस चूसते है जिससे पतियां पीली होकर कमजोर हो जाती है। पौधों की बढ़वार बाधित हो जाती है। फूलगोभी के लिए खेत की तैयारी शुरू करें। आगात रबी फसल के लिए खेत की तैयारी शुरू करें।