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Weather in Muzaffarpur: आसमान में छाए रहेंगे बादल, क्या गर्मी से राहत मिलेगी

Weather in Muzaffarpur 15 से 25 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलेगी पुरवा हवा। आज पूरे दिन हवा की दिशा में बदलाव की कोई संभावना नहीं है। आसमान में बादल की उपस्थिति भी बनी रहेगी। तापमान में कमी की संभावना नहीं है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 06:43 AM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 06:43 AM (IST)
Weather in Muzaffarpur: आसमान में छाए रहेंगे बादल, क्या गर्मी से राहत मिलेगी
किसानों को कृषि कार्यों में सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर/समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। जिला समेत पूरे उत्तर बिहार के जिलों में अगले एक-दो दिनों तक तो बारिश की संभावना कम है, लेकिन उसके बाद बारिश हो सकती है। एक जून को कई जिलों में मध्यम वर्षा होने की संभावना है। उक्त जानकारी डा. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विभाग ने दी। मौसम वैज्ञानिक डा. ए सत्तार ने बताया कि पूर्वानुमानित अवधि में उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के से मध्यम बादल छाये रह सकते हैं। उत्तर बिहार में अगले एक-दो दिनों तक बारिश की बहुत कम संभावना है। लेकिन उसके बाद वर्षा की संभावना में थोड़ी वृद्धि होने का अनुमान है। जिसके कारण 30 व 31 मई और एक जून को कहीं-कहीं हल्की वर्षा हो सकती है। जबकि दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी तथा शिवहर जिला में एक जून के आसपास मध्यम वर्षा होने की संभावना है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 36 से 39 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। जबकि न्यूनतम तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 75 से 85 प्रतिशत तथा दोपहर में 35 से 45 प्रतिशत रहने की संभावना है। पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 18 से 25 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पुरवा हवा चलने का अनुमान है।

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किसानों को कृषि कार्य में सर्तकता बरतने की सलाह

किसानों के लिए जारी समसामयिक सुझाव में कहा गया है कि विगत दिनों में उत्तर बिहार में कहीं-कहीं हल्की वर्षा हुई है, जिसके चलते खेतों में हल्की नमी आ गई है। अगले एक से दो दिनों के बाद फिर कहीं-कहीं हल्की वर्षा होने की संभावना को देखते हुए किसानों को कृषि कार्यों में सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। रबी मक्का की दौनी एवं दाने सुखाने में विशेष सावधानी रखें। मूंग एवं उरद की तैयार फलियों की तुराई अविलंब कर लें। लीची तोड़ने के बाद लीची के बगीचों की जुताई कर खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करे। 


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