उत्तर बिहार में बदला मौसम, हवा के साथ बारिश
किसानों का कहना है कि बारिश से गर्मी से राहत तो मिली लेकिन यह नुकसान वाला साबित हुआ। इससे धान की फसल और रबी की खेती की तैयारी प्रभावित होगी। जहां धान पक कर तैयार हैं उनकी कटनी में देरी होगी।
मुजफ्फरपुर, जागरण टीम। उत्तर बिहार में करीब पांच माह से बारिश की मार झेलते आ रहे किसानों की समस्या अभी भी कम नहीं हुई है। कई जिलों में रविवार का मौसम बदला रहा। सुबह से ही बादल छाए रहे और दिन चढ़ते हवा के साथ बारिश शुरू हो गई। मोतिहारी और बेतिया में तेज हवा के साथ बारिश हुई। वहीं, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर के कुछ हिस्सों में दोपहर बाद बारिश हुई। अन्य जिलों में भी दिनभर बादल छाए रहे।
किसानों का कहना है कि बारिश से गर्मी से राहत तो मिली, लेकिन यह नुकसान वाला साबित हुआ। इससे धान की फसल और रबी की खेती की तैयारी प्रभावित होगी। जहां धान पक कर तैयार हैं, उनकी कटनी में देरी होगी। खेतों में अधिक नमी हो जाने के कारण गन्ना को भी फायदा नहीं होनेवाला है। अगर तेज हवा चलती है तो धान और गन्ने की खड़ी फसल के गिरने की आशंका बढ़ जाएगी। मौसम विभाग ने भी 20 अक्टूबर तक मध्यम से तेज हवा के साथ बारिश का अलर्ट जारी किया है।
चौतरवा में हवा के साथ हुई हल्की बारिश से रविवार को मौसम में बदलाव आया । गर्मी से परेशान लोगों को अहले सुबह से ही ठंडक का एहसास होने लगा। पुन: हवा की तेज झोंकों के साथ आकाश में काले बादल उमडऩे लगे। फिर गर्जन के साथ हल्की बारिश हुई। जिससे मौसम बदला व गर्मी से राहत मिली। मौसम विभाग की मानें तो अब अगले चार दिनों तक क्षेत्र में बारिश की प्रबल संभावना है।
बारिश के अलर्ट से किसान ङ्क्षचतित, सुबह में हवा के साथ बूंदाबांदी
रामनगर, संवाद सूत्र : करीब पांच माह से लगातार बारिश की मार झेलते आ रहे किसानों की समस्या अभी भी कम नहीं हुई है। एक बार फिर से मौसम विभाग की तरफ से 20 अक्टूबर तक अलर्ट जारी किया गया है। जिसमें तेज हवा व बारिश की बात कही गई है। जिसका असर रविवार को सुबह में दिखाई दिया। आसमान बादलों से घिर गए। तेज हवा चलने लगी। सिर्फ बूंदाबांदी ही हुई। अभी तीन दिन बाकी है। हालांकि आसमान में बादलों का उमड़ घुमड़ जारी है। जिससे किसान परेशान हो गए हैं। सबसे अधिक ङ्क्षचतित वह किसान हैं। जिनके धान की कटनी हो चुकी है। फसल खेत में सूखने के लिए रखा गया है। अगर बारिश अधिक होती है तो, काटकर रखे गए फसल बर्बाद होंगे। इतना हीं नहीं जो धान पककर तैयार हैं। उनके भी कटनी में देरी होगी। खेतों में अधिक नमी हो जाने के कारण गन्ना को भी फायदा नहीं होने वाला है। इससे रबी फसलों की समय से बुआई भी प्रभावित होगी। अगर तेज हवा चलती है तो, उससे भी धान की खड़ी फसल गिरने की संभावना है। बता दें कि मौसम विभाग के तरफ से चार दिनों तक मौसम को लेकर अलर्ट किया गया है। इससे गर्मी से लोगों को राहत मिलेगी। साथ हीं ठंड में इजाफा होगा। पर, फसलों को नुकसान होने की अधिक संभावना जताई जा रही है। बता दें कि पहले ही बाढ़ व बारिश से सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। अगर इस बार भी वही हाल होता है तो, बची खुची फसल भी खेतों से कृषकों के घर तक नहीं पहुंच पाएगी।