Muzaffarpur Flood News: बूढ़ी गंडक का जलस्तर स्थिर, कई स्थानों पर रिसाव, मरम्मत जारी
Muzaffarpur Flood News प्रशासन ने ली राहत की सांस शहर में छाए बाढ़ के संकट अब छंटने के आसार प्रशासनिक चौकसी जारी। शहर के निचले क्षेत्रों में अब भी बाढ़ का पानी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में हल्की गिरावट के बावजूद बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है। पिछले 24 घंटे के भीतर जलस्तर में 0.9 सेमी की गिरावट तथा जलस्तर स्थिर रहने के बाद शहर पर छाए बाढ़ का संकट कुछ हद तक कम हुआ है। अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। हालांकि, खतरा पूरी तरह टला नहीं है। इधर, बूढ़ी गंडक के उत्तरी तटबंध अंतर्गत मीनापुर, अहियापुर, बोचहां व बंदरा तथा दक्षिणी तटबंध अंतर्गत मोतीपुर, कांटी, मुशहरी, मुरौल व मुजफ्फरपुर शहर तक दर्जन भर स्थानों पर तटबंध पर दबाव बना हुआ है। कई स्थानों पर बांध में रिसाव हो रहा है।
मुरौल प्रखंड के बलुआ में रिसाव पर काबू पा लिया गया है। जबकि, बोचहां के शर्फुद्दीनपुर पंचायत स्थित सलहां, गोपालपुर, बंदरा प्रखंड में तेपरी घाट में रिसाव के बाद मरम्मत का काम जारी है। उधर, मोतीपुर स्थित मोरसंडी तटबंध का मरम्मत भी जारी है। अधिकारियों की टीम प्रभावित इलाकों में कैंप कर रही है। बड़ी संख्या में दंडाधिकारी के नेतृत्व में सशस्त्र बल भी प्रभावित इलाकों में पेट्रोङ्क्षलग कर रही है। मुजफ्फरपुर शहर के निचले इलाकों में अब भी स्थिति गंभीर है।
बूढ़ी गंडक नदी का पानी कांटी, बंदरा, विजय छपरा, पुरानी जीरोमाइल, मिठनसराय, अखाड़ाघाट, हनुमंत नगर, गांधीनगर, बालूघाट, लकड़ीढाई, झीलनगर, आश्रमघाट, शेरपुर, अहियापुर, सत्संगनगर, कोल्हुआ, पैगंबरपुर और मेडिकल के आसपास के इलाकों में पानी फैल रहा है। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर अधिकारियों की टीम लगातार नदी के जलस्तर और तटबंधों पर नजर बनाए हुए है। राहत और बचाव कार्य में लगी है। राहत शिविरों में पीडि़तों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें प्रभावित इलाकों में लोगों तक राहत पहुंचा रही है। पानी में घिरे लोगों को सुरक्षित निकाल रही है।
बूढ़ी गंडक, गंडक और बागमती नदी खतरे के निशान के पार
बागमती, गंडक, बूढ़ी गंडक और लखनदेई समेत तमाम नदियां जहां खतरे के निशान के उपर बह रही है। पिछले 12 घंटे के भीतर बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में 0.9 सेमी की गिरावट दर्ज की गई। शनिवार की शाम सिकंदरपुर में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान 52.53 मीटर से 1.25 सेमी ऊपर 53.78 मीटर दर्ज किया गया। गुरुवार को यहां का जलस्तर अबतक का सर्वोच्च स्तर 53.91 मीटर था। जबकि, शुक्रवार को 53.87 मीटर था।
कटौझा में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 2.12 मीटर से ऊपर 55.85 मीटर दर्ज किया गया। यहां जलस्तर में 0.10 सेमी की गिरावट आई है। बेनीबाद में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान 0.96 सेमी ऊपर 49.68 मीटर दर्ज किया गया है। रेवाघाट में गंडक नदी खतरे के निशान 54.41 मीटर से 0.4 सेमी ऊपर बह रही है। यहां का जलस्तर 54.45 मीटर दर्ज किया गया।